Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the post-title-marquee-scroll domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/bharatbaani/htdocs/bharatbaani.com/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the wordpress-seo domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/bharatbaani/htdocs/bharatbaani.com/wp-includes/functions.php on line 6114
पशु पालन विभाग द्वारा पशुधन को ठंड से बचाने के लिए ऐडवायज़री जारी -

हाइपोथर्मीया से बचाने के लिए पशुओं को कवरड शैड्डों में रखने और पौष्टिक फीड देने की सलाह

चंडीगढ़, 11 जनवरीः

पंजाब के पशु पालन, डेयरी विकास और मछली पालन मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां के दिशा-निर्देशों पर पशु पालन विभाग द्वारा पशुधन को ठंड के मौसम के दौरान चलने वाली तेज हवाओं, जो पशुओं के लिए ख़तरनाक साबित हो सकती हैं, से बचाने के लिए ऐडवायज़री जारी की गई है क्योंकि ठंड में पशुओं के बीमार होने से पशु पालकों को आर्थिक और अन्य समस्याएँ आ सकतीं हैं। 

इस ऐडवायज़री में सुझाव दिया गया है कि ज़्यादा ठंड के दौरान पशुओं की सुरक्षा के लिए अकेले साधारण शेल्टर इतने प्रभावशाली नहीं होते, इसलिए पशु पालकों को पशुओं के शैड्डों में पटसन के थैलों से बनीं ’पल्लियों’ का प्रयोग करने की सलाह दी गई है। बहुत ज़्यादा ठंड के दौरान जानवरों को घर के अंदर रखा जाये और उनकी समय- समय पर निगरानी की जाये। शैड्डों के नीचे तापमान की निगरानी की जाये और ज़रूरत पड़ने पर हीटरों का प्रयोग किया जाये। अमोनिया के प्रभाव से बचने के लिए पशुओं के नीचे जगह को सुखा और साफ़ रखा जाये। पशुओं के शरीर का तापमान आम की अपेक्षा कम होने पर हाइपोथर्मीया होने का ख़तरा होता है। आम तौर पर पशुओं के शरीर का तापमान 30°- 32° सैल्सियस (86° फारनहीट- 89° फारनहीट) होने पर धीमा हाइपोथर्मीया, 22° सैल्सियस – 29° सैल्सियस ( 71° फारनहीट – 85° फारनहीट) पर मौडरेटिड हाइपोथर्मीया और 20° सैल्सियस ( 68° फारनहीट) पर गंभीर हाइपोथर्मीया होने की संभावना होती है। गायों और अन्य गौवंश वॉर्मिंग और गर्म तरल पदार्थों के प्रयोग के बिना आम तापमान पर नहीं आ सकते। 

ऐडवायज़री में यह भी सिफारिश की गई है कि बहुत ज़्यादा ठंडे मौसम में पशुओं को चराने के लिए न ले जाया जाये और बड़े फीड स्टोरेज का प्रबंध किया जाये। बहुत छोटी उम्र, बूढ़े या बीमार जानवरों को आम तौर पर तंदुरुस्त, मध्य-उम्र के जानवरों के मुकाबले सर्दियों के दौरान और ज्यादा पौष्टिक भोजन की ज़रूरत होती है। अपेक्षित और भरपूर ख़ुराक जानवरों को शरीर का तापमान बरकरार रखने और ठंड से बचने में मदद करेगी। किसानों को यह यकीनी बनाने के लिए भी कहा गया है कि स्टोर की सर्दियों की ख़ुराक अच्छी पौष्टिक गुणवत्ता वाली होनी चाहिए। 

इसके इलावा सर्दियों के मौसम में तंदुरुस्ती के लिए पशुओं का अपेक्षित पानी पीना महत्वपूर्ण है। यदि पानी बहुत ज़्यादा ठंडा हो तो पशु उचित मात्रा में पानी नहीं पीते। इसलिए पशु पालकों को सलाह दी गई है कि वह पशुओं के लिए ताज़े पानी का प्रबंध करें। 

पशुओं के बीमार होने ख़ास तौर पर गर्भवती और बहुत छोटे या बहुत बूढ़े जानवरों, जिनको विशेष ध्यान की ज़रूरत होती है, के लिए तुरंत वैटरनरी इलाज की सिफारिश की गई है। 

Bharat Baani Bureau

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *