नई दिल्ली, 20 मार्च (भारत बानी) : चालू वित्त वर्ष में 17 मार्च तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह (डायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन) 19.88 फीसदी बढ़ा है। यह बढ़कर 18.90 लाख करोड़ रुपए से ज्‍यादा हो गया है। आयकर विभाग ने यह जानकारी दी। आयकर विभाग के निकाय केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि 17 मार्च तक कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 18,90,259 करोड़ रुपए रहा है। इसमें 9,14,469 करोड़ रुपए कॉरपोरेट टैक्‍स और व्यक्तिगत आयकर के अलावा 9,72,224 करोड़ रुपए का सिक्‍योरिटी ट्रांजैक्‍शन टैक्‍स (एसटीटी) भी शामिल है। इसके साथ चालू वित्त वर्ष में 17 मार्च तक करीब 3.37 लाख करोड़ रुपए का रिफंड भी जारी किया जा चुका है।

सकल आधार पर रिफंड समायोजन से पहले कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.27 लाख करोड़ रुपए था। यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 18.74 फीसदी ज्‍यादा है।

सीबीडीटी ने क्‍या कहा है?

सीबीडीटी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2023-24 में 17 मार्च तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के अस्थायी आंकड़े बताते हैं कि शुद्ध टैक्‍स संग्रह 18,90,259 करोड़ रुपए है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 15,76,776 करोड़ रुपए था। यह वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 19.88 फीसदी अधिक है।’ सरकार ने प्रत्यक्ष कर संग्रह के संशोधित अनुमान में पूरे वित्त वर्ष के लिए प्राप्तियां 19.45 लाख करोड़ रुपए रहने की उम्मीद जताई है।

क्‍या है ज्‍यादा टैक्‍स कलेक्‍शन के फायदे?

ज्यादा टैक्स कलेक्शन से सरकार के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसे होंगे। इससे सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और अन्य महत्वपूर्ण सार्वजनिक सेवाओं में सुधार के लिए इस पैसे का इस्‍तेमाल कर सकती है। ज्यादा टैक्स कलेक्शन से सरकार का राजकोषीय घाटा कम होगा। इससे अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी। सरकार इस पैसे का उपयोग आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कर सकती है।

Bharat Baani Bureau

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *