16 मई(नई दिल्ली) : भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए कर्नल वैभव की संयुक्त राष्ट्र मिशन की ओर से गाजा में ड्यूटी करते वक्त मौत हो जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी गहरा दुख जाहिर किया है। इससे पहले संयुक्त राष्ट्र ने भी इसके लिए शोक व्यक्त करने के साथ ही भारत से माफी मांगी थी।
इजरायल-हमास युद्ध के दौरान संयुक्त राष्ट्र कर्मी के तौर पर गाजा में मानवीय मदद करने में जुटे भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्नल की मौत पर संयुक्त राष्ट्र के बाद भारत ने भी गहरा दुख जाहिर किया है। भारत ने बुधवार को कहा कि गाजा में संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिक कर्नल (सेवानिवृत्त) वैभव अनिल काले की मौत पर उसे गहरा दुख हुआ है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के साथ-साथ तेल अवीव और रामल्ला में इसका दूतावास काले के पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने में हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।
इजरायली हमले के शिकार हुए थे कर्नल वैभव
बता दें कि कर्नल वैभव अनिल काले (46) 2022 में भारतीय सेना से समय पूर्व सेवानिवृत्त हुए थे और दो महीने पहले संयुक्त राष्ट्र के सुरक्षा एवं संरक्षा विभाग (यूएनडीएसएस) में सुरक्षा समन्वय अधिकारी नियुक्त किए गए थे। सोमवार की सुबह यूएनडीएसएस के अन्य कर्मचारियों के साथ वह संयुक्त राष्ट्र के वाहन में रफह स्थित ‘यूरोपियन अस्पताल’ जा रहे थे तभी हमले की चपेट में आ गए जिसमें उनकी मौत हो गई और जोर्डन का एक अन्य डीएसएस कर्मचारी घायल हो गया। समझा जाता है कि वाहन पर इजरायली टैंक की ओर से कार्रवाई की गई थी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा, “हम भारत की सरकार और लोगों के प्रति खेद और संवेदना व्यक्त करते हैं।” उन्होंने कहा, ”भारत ने जो योगदान दिया है हम उसकी सराहना करते हैं।” हक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने घातक हमले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है। (भाषा)