7जून(चंडीगढ़): शिरोमणि अकाली दल के लिए यह चौथा चुनाव था जिसमें पार्टी हाशिये पर चली गई है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी जब पार्टी को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था तब पार्टी ने इसके कारणों की जांच के लिए इकबाल सिंह झूंदा की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया था जिसमें उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कई तरह की सिफारिशें की थीं।पंजाब में आम आदमी पार्टी व शिरोमणि अकाली दल (SAD) को मिली हार के कारण फिर लीडरशिप पर सवाल उठना तय है। दोनों पार्टियों में इसकी सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है।
साल 2022 के विधानसभा चुनाव में भी जब पार्टी को ऐसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा था तब पार्टी ने इसके कारणों की जांच के लिए इकबाल सिंह झूंदा की अगुवाई में एक कमेटी का गठन किया था जिसमें उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कई तरह की सिफारिशें की थीं।
इकबाल सिंह झूंदा रिपोर्ट की गई पेश
इसमें सबसे बड़ी सिफारिश नीचे से लेकर ऊपर तक पूरा ढांचा बदलने की सिफारिश की गई थी। लेकिन पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने ऐसा नहीं किया।