11 जून: आजकल बच्चों को आंखों से जुड़ी समस्याएं काफी होने लगी हैं। स्क्रीन टाइम बढ़ने से न सिर्फ आंखें प्रभावित हो रही हैं बल्कि इससे दिमाग और फिजिकल ग्रोथ पर भी असर पड़ रहा है। ताइवान में तो बच्चों को स्कूलों में 120 मिनट बाहरी एक्टिविटी कराई जाती है। ताकि मायोपिया की बीमारी से उन्हें बचाया जा सके। फिजिकल एक्टिविटी से बच्चों को काफी फायदा भी मिला है। दरअसल कोरोना महामारी ने ना सिर्फ बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के तरीके को बदला बल्कि उनके गेम्स भी बदल दिए है। दौड़-भाग की जगह वीडियो गेम्स ने ले ली, स्क्रीन पर ज़्यादा फोकस करने की वजह से आंखों की एनाटॉमी यानि बनावट ही बदल गई है। बच्चों की आईबॉल फैल गई हैं।

मायोपिया के शिकार हो रहे हैं बच्चे

इस बदलाव से उन्हें पास की चीज़ें तो साफ नज़र आती है, लेकिन दूर की नज़र कमज़ोर हो गई है। इसे मायोपिया कहते हैं। जिसका असर सिर्फ आंखों पर ही नहीं बल्कि बच्चों की ओवरऑल ग्रोथ पर भी पड़ता है। बच्चों की मेंटल प्रॉब्लम्स भी बढ़ रही हैं।ज़िद पूरी ना होने पर बच्चे चिड़चिड़े और एग्रेसिव हो रहे हैं। पेरेंट्स के लिए बच्चों का ये बिहेवियर मैनेज करना मुश्किल हो रहा है, इसलिए वो डॉक्टर्स की मदद ले रहे हैं।

बच्चों की लंबाई पर पड़ रहा है असर 

साइकॉलॉजिस्ट के मुताबिक पिछले ढाई साल में छोटे बच्चों के बिहेवियर से परेशान होकर उनके पास आने वाले पेरेंट्स की तादाद बढ़ी है। बच्चों में दिख रहे इन लक्षणों की वजह से उनकी हाइट और ओवरऑल ग्रोथ पर भी असर पड़ा है। इसके अलावा कई तरह की बीमारियां भी उनको घेर रही हैं। छोटी उम्र में शुगर-बीपी, हार्ट प्रॉब्लम, रूमेटाइड आर्थराइटिस, मोटापा जैसी दिक्कतें काफी कॉमन हो गई हैं। इन बीमारियों से लड़ने के लिए बच्चों को योग और फिजिकल एक्टिविटी कराएं। स्वामी रामदेव से जानिए कैसे बच्चों की कद-काठी को मज़बूत बनाया जाए?

बढ़ा स्क्रीन टाइम कितना खतरनाक ?

ब्रेन पर असर

चिड़चिड़ापन

गुस्सा

डिप्रेशन

तनाव

शरीर कमज़ोर

हड्डियां कमज़ोर

हाइट पर असर

मांसपेशियां कमज़ोर

छोटी उम्र में बड़ी बीमारी 

मोटापा

शुगर

हाइपरटेंशन

हार्ट प्रॉब्लम

आर्थराइटिस

ओबेसिटी

मायोपिया

हाइट के फैक्टर 

वर्कआउट

न्यूट्रिशन

ग्रोथ हॉर्मोन

नींद का पैटर्न

पॉश्चर 

इम्यूनिटी   

Bharat Baani Bureau

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