वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार यानी आज अपना लगातार सातवां बजट पेश करने जा रही हैं, जो 2047 तक विकसित भारत की रूपरेखा तैयार करेगा। इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी। नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में इन आंकड़ों पर खासतौर से सबकी नजर रहेगी….
राजकोषीय घाटा
इस साल फरवरी में पेश किए गए अंतरिम बजट के मुताबिक सरकार के खर्च और आमदनी के बीच का अंतर यानी राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत था। कर संग्रह में उछाल के कारण पूर्ण बजट में पहले से बेहतर अनुमान दिए जाने की उम्मीद है। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
पूंजीगत व्यय
चालू वित्त वर्ष के लिए सरकार का नियोजित पूंजीगत व्यय 11.1 लाख करोड़ रुपए है, जो पिछले वित्त वर्ष के 9.5 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। सरकार बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रही है और राज्यों को पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित भी कर रही है।
कर राजस्व
अंतरिम बजट में 2024-25 के लिए सकल कर राजस्व 38.31 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 11.46 प्रतिशत अधिक है। इसमें प्रत्यक्ष करों (व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर) से 21.99 लाख करोड़ रुपए और अप्रत्यक्ष करों (सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और जीएसटी) से 16.22 लाख करोड़ रुपए आने का अनुमान है।