इस्‍लामाबाद 30 जुलाई 2024 :  चीन और पाकिस्‍तान की दोस्‍ती से पूरी दुनिया वाकिफ है. बीजिंग हर परिस्थिति और हर हालात में इस्‍लामाबाद का साथ देता आ रहा है. यह जानते हुए भी कि पाकिस्‍तान आतंकवाद के लिए सुरक्षित पनाहगाह है, चीन लगातार समर्थन करता रहा है. हालांकि, लगता है अब दोनों देशों के बीच सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है. चीन के जिस जाल में अफ्रीका से लेकर श्रीलंका तक जैसे देश फंस चुके हैं, अब पाकिस्‍तान भी उसका शिकार बन चुका है. चीन-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत दोनों देशों के बीच एनर्जी सेक्‍टर में एक करार हुआ था, जिसके तहत इस्‍लामाबाद को निर्धारित समय पर कर्ज की रकम चुकानी थी. पाक‍िस्‍तान का खजाना खाली है, ऐसे में वह शर्तों के अनुसार लोन की राशि नहीं चुका पा रहा है. वहीं, चीनी कंपनियां अब पाकिस्‍तान में और पावर प्‍लांट लगाने से कतरा रही हैं तो दूसरी तरफ चीन सरकार लोन रिपेमेंट में ढिलाई बरतने के मूड में नहीं दिख रहा है.

लोन की बकाया राशि के लिए चीन की ओर से पाकिस्‍तान पर लगातार दबाव बना रहा है. पाकिस्‍तान का खजाना पूरी तरह से खाली है और उसे IMF की ओर से कर्ज के तौर पर मिलने वाली 7 अरब डॉलर की सहायता राशि का इंतजार है. हालात को देखते हुए पाकिस्‍तान की शहबाज शरीफ सरकार ने अपने दो मंत्रियों को बीजिंग भेजा है. पाकिस्‍तानी मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पहले चीन इस मसले पर बातचीत के लिए ही तैयार नहीं था, बाद में इसकी अनुमति दी गई. पाकिस्‍तानी मंत्री पीपुल्‍स बैंक ऑफ चाइना सम‍ेत कर्ज देने वाली अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थआों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की है. हालांकि, अभी तक बात बनती हुई नहीं दिख रही है. इसके बावजूद पाकिस्‍तान को बात बन जाने की उम्‍मीद है.

Bharat Baani Bureau

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