नई दिल्ली 12 अगस्त 2024 : आज अदाणी ग्रुप (Adani Group) के शेयर में बिकवाली देखने को मिल रही है। कंपनी के सभी शेयर्स लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। यह गिरावट हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenburg Research Report) की वजह से आई है।
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट ऑफशोर फंडों में निवेश किया था। इसके अलावा विनोद अडानी ने फंडों को राउंड-ट्रिप करने और स्टॉक की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था।
हिंडनबर्ग के इन आरोपों का असर आज कंपनी के शेयर पर देखने को मिला। शुरुआती कारोबार में अदाणी ग्रुप की सभी 10 कंपनियों के शेयर्स गिर गए। सबसे ज्यादा गिरावट अदाणी एनर्जी के शेयरों में देखने को मिली है।
अदाणी ग्रुप के शेयरों का हाल
अदाणी ग्रुप के शेयर्स भारी गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। शुरुआती कारोबार में ही अदाणी एनर्जी के शेयर 17 फीसदी तक गिर गए थे। अदाणी टोटल गैस के शेयर 13.39 फीसदी तक गिर गए। एनडीटीवी के स्टॉक 11 फीसदी और अदाणी पावर के शेयर 10.94 फीसदी तक गिर गए थे।
इसी तरह अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर 6.96 फीसदी, अदाणी विल्मर के स्टॉक 6.49 फीसदी, अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर 5.43 फीसदी, अदाणी पोर्ट के शेयर 4.95 फीसदी, अंबुजा सीमेंट के शेयर 2.53 और एसीसी के शेयर 2.42 फीसदी गिरे थे।
शेयर में क्यों आई गिरावट
शनिवार को हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने रिपोर्ट में सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति पर बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट ऑफशोर फंडों में निवेश करने का आरोप लगाया था। इसी फंड पर विनोद अदाणी द्वारा फंडों को राउंड-ट्रिप करने और स्टॉक की कीमतों को बढ़ाने का भी आरोप लगाया गया था।
हालांकि, इस आरोप के बाद माधबी पुरी बुच और हिंडनबर्ग के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए थे। माधबी पुरी बुच ने फर्म द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि फर्म सेबी की विश्वसनीयता पर हमला और “चरित्र हनन” की कोशिश कर रहा है।
बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार को एक संयुक्त बयान में कहा कि यह निवेश 2015 में किया गया था। इसका मतलब है किसेबी के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में उनकी नियुक्ति से पहले ही इसमें निवेश किया गया था। मार्च 2022 में माधबी पुरी बुच को अध्यक्ष के रूप में पदोन्नति की गई थी।
हिंडनबर्ग ने कहा कि सेबी को अदाणी मामले से संबंधित निवेश फंडों की जांच करने का काम सौंपा गया था, जिसमें सुश्री बुच द्वारा व्यक्तिगत रूप से निवेश किए गए फंड और उसी प्रायोजक द्वारा फंड शामिल थे, जिन्हें विशेष रूप से हमारी मूल रिपोर्ट में उजागर किया गया था। यह स्पष्ट रूप से हितों का एक बड़ा टकराव है।