26 अगस्त 2024 : इस मामले की शुरूआत पिछले साल 14 सितंबर को एक फोन कॉल से होती है. 14 सितंबर को दिल्‍ली के द्वारका इलाके में रहने वाली एक महिला प्रेमलता को एक अनजान नंबर से कॉल आता है. फोन करने वाला शख्‍स बताता है कि उसके पति धर्मवीर की सैलरी के 25000 रुपए उसके पास रखे हुए है. वह धर्मवीर के एकाउंट में यह रुपए ट्रांसफर नहीं कर सकता है, लिहाजा धर्मवीर ने उसका नंबर देकर ऑनलाइन ट्रांसफर करने के लिए कहा है.

द्वारका जिला पुलिस उपायुक्‍त अंकित सिंह ने बताया कि इस बातचीत के बाद प्रेमलता के फोन पर दो मैसेज आते हैं. पहला मैसेज एकाउंट में 20000 रुपए और दूसरा मैसेज 50000 रुपए क्रेडिट होने का था. इसके बाद, उस शख्‍स का कॉल एक बार फिर आता है. वह बताता है कि उसने गलती से 5000 रुपए की जगह 50000 रुपए ट्रांसफर कर दिए हैं. लिहाजा, वह 45000 रुपए वापस कर दें. प्रेमलता ने भी भरोसे में आकर 45000 रुपए वापस कर दिए. वहीं, प्रेमलता ने जब अपना एकाउंट चेक किया तो उसके होश उड़ गए.

प्रेमलता के एकाउंट से गायब हुए हजारों रुपए
डीसीपी अंकित सिंह के अनुसार, बैंक से प्रेमलता को पता चला कि उसके एकाउंट में एक भी रुपया क्रेडिट नहीं हुआ था, बल्कि 45 हजार रुपए डेबिट जरूर हो गए थे. इसके बाद, प्रेमलता को समझते देर नहीं लगी कि उसके साथ ऑनलाइन फ्रॉड हो गया है. जिसके बाद, प्रेमलता भागते हुए पुलिस स्‍टेशन पहुंची और आपबीती पुलिस को बताई. प्रेमलता की शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी. जांच में पता चला कि प्रेमलता को बैंक की तरफ से भेजे गए सभी मैसेज फर्जी थे.

डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि इस मामले की जांच में पता चला कि जिस एकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए गए थे, वह भारती मीणा के नाम पर है. भारती मीणा को सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया. पूछताछ में भारती मीणा ने बताया कि कुछ समय पहले धन सिंह नाम का एक युवक उनके पास आया था. उसने उसकी भैंस पर लोन दिलाने की बात कह कर उसका बैंक एकाउंट खोला था. बैंक एकाउंट खुलने के कुछ दिनों के बाद धन सिंह वापस आया.

साइबर फ्रॉड से जुड़े 153 मामलों का हुआ खुलासा
पूछताछ के दौरान, भारती मीणा ने बताया कि धन सिंह ने लोन पास नहीं होने की बात कहकर बैंकिंग किट वापस ली और बैंक एकाउंट बंद करने की बात कह वापस चला गया. इस बैंकिंग किट ने उसका डेबिट कार्ड और पासवर्ड भी था. भारती मीणा के खुलासे के बाद पुलिस ने धन सिंह को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया. पूछताछ में धन सिंह ने बताया कि वह एग्सिस बैंक (Axis Bank) का कर्मचारी है और उसने बैंकिंग पॉलिसी के अनुसार ही उसने बैंक एकाउंट खोले हैं.

डीसीपी अंकित सिंह ने बताया कि जब इस बाबत बैंक से जानकारी मांगी गई तो पता चला कि फर्जीवाडे़ के चलते उसे बैंक से निकाल दिया गया था. जांच के दौरान, पुलिस को धन सिंह के द्वारा खोले गए ऐसे ही 16 बैंक एकाउंट के बारे में पता चला. इन एकाउंट्स का इस्‍तेमाल ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए हासिल किए गए रुपयों को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता था. इस खुलासे के बाद धन सिंह को अरेस्‍ट कर लिया गया. धन सिंह से पूछताछ के बाद द्वारका जिला पुलिस ने ऑनलाइन फ्रॉड के करीब 153 मामलों का खुलाया किया है.

Bharat Baani Bureau

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