नई दिल्ली 26 अगस्त 2024 : इजरायल और हमास के जंग के बीच मिडिल ईस्ट में युद्ध की आग और भड़क उठी है. इजरायल और हिजबुल्लाह में एक बार फिर ठन गई है. फुआद शुक्र की हत्या से तमतमाए हिजबुल्लाह ने रविवार को इजरायल पर ताबड़तोड़ सैकड़ों रॉकेट-मिसाइल दागे. मगर इजरायल के सामने उसकी एक न चली. इजरायल के आयरन डोम ने हिजबुल्लाह के सभी रॉकेट-मिसाइलों को चुटकी में ध्वस्त कर दिया. इस तरह इजरायल के आगे हिजबुल्लाह को अपनी औकात पता चल गई. हिजबुल्लाह ने करीब 300 से अधिक रॉकेट दागे थे, मगर इजरायल का इसमें बाल भी बांका नहीं हुआ. उल्टे हिजबुल्लाह को लेबनान में इजरायल के पलटवार का सामना करना पड़ा. हालांकि, इजरायल के ऊपर से हमले का खतरा अभी टला नहीं है.
दरअसल, जैसे ही हिजबुल्लाह ने इजरायल पर मिसाइल-रॉकेट दागे, इजरायल ने तुरंत अपने आयरन डोम को एक्टिव किया और सभी रॉकेट को विफल कर दिया. हालांकि, हिजबुल्लाह ने आरोप लगाया है कि उसका हमला सफल हुआ है और इजरायल छिपा रहा है. मगर बेंजामिन नेतन्याहू का कहना है कि इजरायल को इन हमलों में जरा भी नुकसान नहीं हुआ. उधर, इजरायल ने ही लेबनान में कई हवाई हमले किए और हिजबुल्लाह को मुंहतोड़ जवाब दिया. इजरायल-हिजबुल्लाह के बीच हवाई हमलों से एक बार फिर इलाके में महाजंग का खतरा बढ़ गया है. इसकी वजह से गाजा में युद्ध विराम समझौते के प्रयास विफल हो सकते हैं, जहां हमास और इजराइल के बीच पिछले 10 महीने से युद्ध जारी है.
इजरायलका अभी खतरा टला नहीं
हिजबुल्ला ने बेरूत में उसके शीर्ष कमांडर फौद शुकूर की हत्या का बदला लेने के लिए इजरायल पर बड़ी संख्या में ड्रोन और रॉकेट से हमला किया. मगर इजरायल ने इन सभी रॉकेट-मिसाइलों को ध्वस्त कर दिया. हिजबुल्ला ने इजराइल में कई जगहों पर 320 से अधिक कत्युशा रॉकेट और बड़ी संख्या में ड्रोन दागे थे. उसने इजरायली सैन्य स्थलों को टारगेट किया था. इजरायल पर अटैक को लेकर हिजबुल्लाह ने कहा कि उसका फुआद शुक्र का बदला पूरा हो गया. हालांकि, इजरायल के सामने हिजबुल्लाह टांय-टांय फिस्स साबित हुआ. मगर यहां एक बात स्पष्ट है कि इजरायल के ऊपर से अभी खतरा टला नहीं है. हिजबुल्लाह भले ही अकेले इजरायल के सामने नहीं टिक पाया, मगर उसके पीछे की ताकत कम नहीं है.
हिजबुल्लाह को ईरान की ताकत
हिजबुल्लाह को ईरान का समर्थन प्राप्त है. उसकी फंडिंग भी वहीं से होती है. ईरान डायरेक्ट अटैक नहीं करना चाह रहा है. यही वजह है कि उसने हिजबुल्लाह से अटैक करवाए हैं. हिजबुल्ला और हमास एक-दूसरे के सहयोगी ही हैं. ताकत के मामले में हिजबुल्लाह को अपने सहयोगी हमास से कहीं अधिक शक्तिशाली है. हिजबुल्लाह के पास 1,50,000 रॉकेट एवं मिसाइलों का अनुमानित भंडार है, जिसमें मिसाइलें भी शामिल हैं. इजरायल पर अभी ईरान का अटैक बाकी है. ईरान हमास चीफ इस्माइल हानिया की मौत का बदला लेना चाहता है. इजरायल ने उसके घर में घुसकर हमास चीफ की हत्या की है, इससे ईरान का खून बार-बार खौल उठता है.
सुप्रीम लीडर ने दी है धमकी
खुद सुप्रीम लीडर अली खामेनेई ने हानिया की मौत का बदला लेने की कसम खा रखी है. सुप्रीम लीडर बार-बार ईरान से बदला लेने की बात दोहरा चुके हैं. मगर वह सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं. सुप्रीम लीडर ने बीते दिनों कहा था कि इसकी कीमत इजरायली शासन को सही समय पर चुकानी पड़ेगी. अगर किसी ने इजरायल के खिलाफ कार्रवाई से पीछे हटने या समझौता करने की कोशिश की तो उसे अल्लाह के कहर का सामना करना पड़ेगा. माना जा रहा है कि इजरायल के पीछे अमेरिका के खड़े होने की वजह से वह डायरेक्ट अटैक से बच रहा है. ईरान को पता है कि इजरायल पर डायरेक्ट अटैक का मतलब अमेरिका से भी सीधी जंग. मगर ईरान अभी गोटियां सेट करने में लगा है. जैसे ही उसे सही मौका मिलेगा, वह इजरायल पर चौतरफा अटैक करेगा. उसके पास लेबनान में हिजबुल्लाह के अलावा, इराक और सीरिया में लड़ाकू आतंकी संगठन हैं, जो इजरायल पर उसके एक इशारे पर हमला कर सकते हैं. इसलिए अभी इजरायल पर हमले का साया छंट गया है, यह कहना सही नहीं है.