28 अगस्त 2024 : पाकिस्तान पर अब ये नई आफत है. बलूच लिब्रेशन आर्मी ने चीनी नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने का फरमान जारी किया है. बलूच लिब्रेशन आर्मी ने धमकी दी है कि अगर कोई भी चीनी नागरिक उनके इलाके में मिला तो कत्लेआम होगा. बलूच लिब्रेशन आर्मी ने चीनी नागरिकों को निशाना बनाने के लिए अलग से स्पेशल यूनिट भी बनाई है. एक दिन पहले बलूच लिब्रेशन आर्मी के फिदायीन दस्ते ने पाकिस्तान में भारी तबाही मचाई. 70 से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया. इनमें पाकिस्तान आर्मी और पुलिस के 14 जवान भी शामिल थे.
चीन पाकिस्तान से होकर CPEC कॉरिडोर बना रहा है. यह चीन की महात्वाकांक्षी परियोजना है. इस पर उसने करोड़ों डॉलर पानी की तरह बहाए हैं. इस आस में है कि जल्द उसका प्रोजेक्ट पूरा हो जाए. लेकिन जिस तरह से बलूचिस्तान में बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोल है, उससे तय है कि चीन की योजना पर पानी फिर जाएगा. इस प्रोजेक्ट में बड़ी संख्या में चीन के इंजीनियर्स और अधिकारी काम कर रहे हैं. बलूच विद्रोहियों से निपटने के लिए 23 जून को पाकिस्तानी सेना ने ‘अजम ए इस्तेखाम’ ऑपरेशन लॉन्च किया. लेकिन इससे डरने की बजाय बलूच विद्रोही और भड़क उठे. ऑपरेशन शुरू होने के बाद बलूच लिब्रेशन आर्मी (BLA) , बलूच लिब्रेशन फ़्रंट (BLF) और तहरीके तालिबान (TTP) ने पाकिस्तानी सेना पर हमले तेज कर दिए.
पाकिस्तानी सेना के होश फाख्ता
बलूच लिब्रेशन आर्मी ने दो दिन में जो गदर मचाया, उसने तो पाकिस्तानी सेना के होश फाख्ता कर दिए. BLA ने दावा किया कि उसने बलूचिस्तान के तुर्बत में पाकिस्तानी आर्मी के कैंप पर फिदायीन अटैक कर 130 सैनिकों को मार गिराया. हालांकि पाकिस्तानी सेना ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया. लेकिन अब बलूच लिब्रेशन आर्मी ने हमले के बाद जो बयान जारी किया है, वो पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए बुरी खबर है. बलूच लिब्रेशन आर्मी ने चीन को धमकी दी है कि अगर वो ग्वादर और बलूचिस्तान को छोड़ कर नहीं गए तो उनकी खैर नहीं. बलूच लिब्रेशन आर्मी के कमांडर की ओर से जारी बयान में चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिग और पाकिस्तानी को साफ लहजे में धमकी दी गई है. ये भी बताया कि चीनी नागरिकों पर हमले के लिए उसने एक नई ब्रिगेड बनाई है. मजीद ब्रिगेट नाम से बनी इस यूनिट के लड़ाके CPEC प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चीनी नागरिकों को निशाना बनाएंगे.
ISKP भी पड़ा हाथ धो कर पीछे
खुफिया रिपोर्ट की मानें तो चीनी नागरिक पहले ही बलूच लिब्रेशन आर्मी और सिंध के उग्रवादी संगठनों के निशाने पर थे. लेकिन अब ISKP यानी इस्लामिक स्टेट्स खोरासान ग्रुप भी चीनी नागरिकों की जान के पीछे पड़ गया है. इसने एक एंटी चाइना फ्रंट भी बनाया है, जो चीनी नागरिकों, इंजीनियरों और कर्मचारियों को निशाना बनाने की फिराक में हैं. कहा तो ये भी जा ररहा है कि टीटीपी, बलूच लिब्रेशन आर्मी और इस्लामिक स्टेट खुरासान ग्रुप ने हाथ मिला लिया है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ समय पहले टीटीपी ने अफगानिस्तान के कुनार इलाके में बैठक की थी, इसमें चीनी नागरिकों पर हमले की रणनीति बनी.
आर्मी पर चीनियों की जान बचाने का दबाव
चीनी इंजीनियरों और कर्मचारियों को बचाने के लिए खैबर पख़्तूनख्वा पुलिस ने नई CPEC पुलिस यूनिट बनाई, लेकिन ये बलूच आर्मी के उग्रवादियों से नहीं निपट पा रही है. कई संवेदनशील साइटों पर पाकिस्तान आर्मी के कमांडो तैनात किए गए हैं. पाकिस्तानी सेना नई भर्तियां कर रही है. चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए बनाई गई इन यूनिट में 18 से 25 साल की उम्र के लोगों को ही भर्ती की गई है. खुद पाकिस्तानी सेना ने इन्हें छह महीने की ट्रेनिंग दी है. वेपन चलाना सिखाया. मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दी. लेकिन काम नहीं आई.