अस्ताना 17 सितम्बर 2024 : रूस और यूक्रेन की जंग को 30 महीने से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब भी यह खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. दुनिया के सभी बड़े देश इस कोशिश में हैं कि दोनों देशों में शांति की राह परलौट आए. हालांकि, फिलहाल ऐसा मुमकिन नहीं लग रहा. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन युद्ध खत्म करने की बात तो करते हैं, लेकिन वे किसी भी तरह से यूक्रेन के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं. वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की भी हथियार नहीं डालना चाहते और इसी वजह से जंग बदस्तूर जारी.
इस बीच, कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव ने एक ऐसा बयान दिया है, जिसे सुनकर जेलेंस्की के पांव के नीचे की जमीन खिसक सकती है. दरअसल, उनका कहना है कि रूस ‘सैन्य रूप से अजेय’ है. अगर यूक्रेन युद्ध आगे बढ़ता है तो इसके परिणाम पूरी मानव जाति के लिए ‘बहुत गंभीर’ होंगे.
उन्होंने सोमवार को जर्मनी के दौरे पर आए चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात के दौरान यह बातें कही. स्कोल्ज 14 वर्षों में कजाकिस्तान की यात्रा करने वाले जर्मन सरकार के पहले प्रमुख हैं.
अकोर्डा में स्कोल्ज का स्वागत करते हुए टोकायेव ने इस बात पर जोर दिया कि मध्य एशियाई देश रूस के साथ दुनिया की सबसे लंबी बाड़ लगी हुई भूमि सीमा साझा करता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कजाक लोग यूक्रेनी लोगों और उनकी संस्कृति के प्रति ‘वास्तविक सम्मान’ रखते हैं. टोकायेव ने कहा, “यह स्पष्ट है कि रूस सैन्य दृष्टि से अजेय है. अगर युद्ध आगे बढ़ता है, तो परिणाम पूरी मानव जाति के लिए बहुत गंभीर होंगे, सबसे पहले, उन देशों के लिए जो संघर्ष में सीधे तौर पर शामिल हैं.”
कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने कहा, ”दुर्भाग्य से, इस्तांबुल ने समझौते की पुष्टि करने से इनकार कर दिया और सुलह हासिल करने का सबसे अच्छा अवसर खो दिया. हालांकि, शांति के लिए अभी भी एक मौका है. विभिन्न देशों की सभी शांतिपूर्ण पहलों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की जानी चाहिए. शत्रुता की समाप्ति के लिए एक समझौते पर पहुंचना ही चाहिए.”
टोकायेव ने स्पष्ट किया कि उनके देश और यूक्रेन के बीच “कोई मतभेद” नहीं है. उन्होंने कहा कि कजाकिस्तान दूतावास अभी भी कीव में काम कर रहा है. बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने पुष्टि की कि वे पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने में रुचि रखते हैं. पिछले साल, जर्मनी और कजाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार कारोबार 1.5 गुना बढ़कर 4 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. पिछले सात महीनों में, आपसी व्यापार 2.3 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया.