24 सितम्बर 2024 : कांग्रेस ने “सुप्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड” (एसआईआईएल) नामक कंपनी में बकाया ऋण को इक्विटी में बदलने के भारतीय स्टेट बैंक के कथित फैसले को लेकर मंगलवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को इस मामले में कदम उठाना चाहिए और इस निर्णय की प्रक्रिया की जांच करने की जरूरत है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला देते हुए यह टिप्प्णी की। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “एक असाधारण कदम उठाते हुए, एसबीआई ने दिवालिया घोषित होने वाली कंपनी “सुप्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया लिमिटेड (एसआईआईएल) में अपने बकाया ऋण को इक्विटी में बदलने का फैसला किया है। स्टेट बैंक सहित अन्य ऋणदाताओं ने ऋण पर 93.45 प्रतिशत का हेयरकट लिया है।”
उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था भारत के कॉर्पोरेट ऋण परिदृश्य में एक खतरनाक मिसाल कायम करने वाली है।
कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया, “यह कदम चूक (डिफॉल्ट) करने वाली अन्य कंपनियों को ऐसे ही सौदे की तलाश के लिए प्रोत्साहित करेगा, जहां वे चूक के बाद भी नियंत्रण और वैल्यू बनाए रख सकते हैं।” रमेश ने कहा कि यह भारत के दिवालियापन समाधान ढांचे की प्रभावशीलता और संकटग्रस्त संपत्तियों के प्रबंधन में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की भूमिका पर सवाल उठाता है।
उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि स्टेट बैंक सार्वजनिक धन की वसूली को प्राथमिकता देने के बजाय चूक करने वाले ऋणदाता के हितों से ख़ुद को जोड़ रहा है।”
उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक को इस मामले में कदम उठाने और स्टेट बैंक के निर्णय लेने की प्रक्रिया की जांच करने की ज़रूरत है।