नई दिल्ली (Foreign Language Test). विदेश में सेटल होने के लिए वहां की संस्कृति और नियम-कायदों की जानकारी के साथ ही भाषा का ज्ञान होना भी जरूरी है. फ्रांस, जापान, जर्मनी, स्पेन जैसे देशों में पढ़ाई या नौकरी करने के लिए लोकल भाषा पर पकड़ होने से चीजें आसान हो सकती हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत अन्य अंग्रेजी भाषी देशों में रहने के लिए इंग्लिश पर कमांड होना जरूरी है. इसके लिए वहां जाने से पहले भारत में ही लैंग्वेज प्रोफिशिएंसी टेस्ट पास करना होगा.

लैंग्वेज टेस्ट कई तरह के होते हैं. आप अपनी जरूरत के हिसाब से बेस्ट लैंग्वेज टेस्ट की तैयारी कर सकते हैं (Language Proficiency Test). कोचिंग और ऑनलाइन स्टडी मटीरियल की मदद लेने से काम आसान बना सकते हैं. कई विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए TOELF, IELTS जैसी परीक्षाओं का स्कोर होना जरूरी है (English Language Test). टॉप लेवल की कुछ कंपनियों में नौकरी के लिए भी लैंग्वेज टेस्ट पास करना जरूरी माना जाता है.

English Language Test: अंग्रेजी भाषा के लिए लैंग्वेज टेस्ट
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे अंग्रेजी प्रमुख देशों में पढ़ाई और नौकरी करने के लिए नीचे लिखे इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट पास कर सकते हैं-

1. आईईएलटीएस (IELTS)
2. टीओईएफएल (TOEFL)
3. पीटीई (PTE)
4. कैम्ब्रिज असेसमेंट इंग्लिश (Cambridge Assessment English)

Hindi Language Test: हिंदी भाषा के लिए लैंग्वेज टेस्ट
हिंदी भाषा से जुड़ी कोई नौकरी जॉइन के लिए इससे जुड़ा टेस्ट पास करना जरूरी है-

1. हिंदी भाषा प्रवीणता परीक्षा (Hindi Language Proficiency Test)
2. हिंदी विद्यापीठ परीक्षा (Hindi Vidyapith Exam)

अन्य भाषाओं के लिए टेस्ट:
1. फ्रेंच (French Language Test): डीईएफ (DELF), डीएएलएफ (DALF)
2. स्पैनिश (Spanish Language Test): डीईएलई (DELE)
3. जर्मन (German Language Test): DSH, TestDaF और Goethe Institut examinations
4. चीनी (Chinese Language Test): एचएसके (HSK)
5. जापानी (Japanese Language Test): जेएलपीटी (JLPT)

Language Test Benefits: लैंग्वेज टेस्ट पास करने के फायदे
1. विदेश में पढ़ाई करने के लिए
2. विदेश में नौकरी करने के लिए
3. इमिग्रेशन के लिए
4. बिजनेस में भाषा कौशल का मूल्यांकन करने के लिए

Language Test Preparation Tips: लैंग्वेज टेस्ट की तैयारी कैसे करें?
लैंग्वेज टेस्ट की तैयारी करने के लिए नीचे लिखे 5 पॉइंट्स काम आ सकते हैं-

1. लैंग्वेज टेस्ट सिलेबस को अच्छी तरह से रिव्यू करें.
2. प्रैक्टिस टेस्ट की मदद लें.
3. भाषा कौशल में सुधार करें.
4. मॉक टेस्ट अटेंप्ट करके सिलेबस और एग्जाम पैटर्न समझ लें.
5. ऑनलाइन रिसोर्सेस का इस्तेमाल करें.

Bharat Baani Bureau

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