नई दिल्ली. ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को रोकने की क्षमता केवल भारत के पास ही है. कैमरन ने NDTV वर्ल्ड समिट में कहा कि भारत के पास यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थ बनने की विश्वसनीयता है. यूक्रेन जंग के ढाई साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी रूस-यूक्रेन संघर्ष में संघर्ष विराम वार्ता में किसी भी तरह की सफलता के संकेत नहीं मिले हैं. कैमरन ने कहा कि भारत मध्यस्थता करने की स्थिति में हो सकता है, लेकिन उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बलपूर्वक क्षेत्र पर कब्जा करने की अनुमति न दी जाए.
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को कहा कि यूक्रेन में लंबे समय से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए समयसीमा तय करना मुश्किल है. लेकिन उन्होंने दावा किया कि उनका देश जीतेगा, जबकि उन्होंने हालात पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता की सराहना की. रूस यूक्रेन दोनों ने ही अपने पड़ोसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमले करके शुरू किए. मगर ढाई साल के युद्ध में दोनों ने नागरिकों को निशाना बनाने से इनकार किया है.
मास्को द्वारा आयोजित किए जाने वाले 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से कुछ दिन पहले, राष्ट्रपति पुतिन ने समूह के बारे में प्रधानमंत्री मोदी की बात का समर्थन करते हुए कहा कि भारतीय नेता ने उचित रूप से कहा है कि यह पश्चिमी विरोधी नहीं बल्कि गैर-पश्चिमी है. पुतिन ने यह भी साफ किया कि ब्रिक्स समूह ब्लॉक-शैली के संगठन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22-23 अक्टूबर को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कज़ान जाने वाले हैं.
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने ये भी कहा है कि दुनिया को चुनौतियों पर भारत के नजरिए की जरूरत है और देश को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट मिलनी चाहिए. सोमवार को एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में बोलते हुए लॉर्ड डेविड कैमरन ने कहा कि दुनिया को मजबूत आर्थिक विकास, अधिक लोकतंत्र और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए हरित बदलाव की जरूरत है और भारत इन तीनों चीजों का एक शानदार उदाहरण है.