नई दिल्‍ली. कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में खालिस्‍तानी कट्टरपंथियों द्वारा हिन्‍दू मंदिरों प हमला किए जाने के मामले में अब कैनेडियन नैशनल काउंसिल ऑफ हिंदू (CNCH) ने बड़ा निर्णय लिया है. खालिस्तानी आतंकियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए बड़ा फैसला लिया है, कैनेडियन नैशनल काउंसिल ऑफ हिंदू ने एक बयान जारी कर कहा कि जब तक कनाडा के नेता हिंदुओं पर बढ़ते हमले और मंदिरों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाते हैं तब तक कोई भी नेता राजनीतिक उद्देश्य के लिए मंदिरों का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा. हालांकि यह भी कहा गया कि वो एक भक्त के रूप में हिन्‍दू मंदिर में दर्शन कर सकते हैं.

कहा गया कि आज ब्रैम्पटन में गोर रोड पर स्थित हिंदू मंदिर को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने एक हिंसक घटना में निशाना बनाया. जिसने कनाडा के हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. कथित तौर पर प्रदर्शनकारी मंदिर के मुख्य द्वार पर एकत्र हुए, जबरन परिसर में घुस गए और मंदिर के सदस्यों पर शारीरिक हमला किया, जिससे समुदाय हिल गया है. कहा गया कि यह हमला हिंदू कनाडाई लोगों को टारगेट करते हुए किया गया. यह हिन्‍दुओं पर खतरनाक घटनाओं की सीरीज का ताजा उदाहरण है. हिंदू पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों के लिए समुदाय के नेताओं द्वारा बार-बार आह्वान किए जाने के बावजूद, नेताओं ने बढ़ती दुश्मनी को दूर करने के लिए अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है.

प्रेस रिलीज में कहा गया कि आज के हमले के बाद, कनाडाई राष्ट्रीय हिंदू परिषद (CNCH) और हिंदू फेडरेशन ने मंदिर नेताओं और हिंदू वकालत समूहों के साथ मिलकर एक निर्णय लिया है. कनाडा भर में हिंदू मंदिर और संस्थाएं अब राजनेताओं को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए मंदिर की सुविधाओं का उपयोग करने की अनुमति नहीं देंगी. राजनेता, चाहे वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों, भक्त के रूप में आना जारी रख सकते हैं, लेकिन जब तक वे खालिस्तानी चरमपंथ के मुद्दे को संबोधित करने के लिए ठोस प्रयास नहीं करते, तब तक उन्हें मंदिर के चबूतरे तक पहुंच नहीं मिलेगी

Bharat Baani Bureau

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