Difference between Piles or colon cancer: गुदा मार्ग में जब नसें सूज जाती है तब पाइल्स या बवासीर होता है. इसमें बहुत अधिक दर्द और गुदा मार्ग से खून भी आने लगता है. कोलोन कैंसर मलाशय या मलाशय के रास्ते में होता है. इसमें भी खून आ सकता है. ऐसा में हो सकता है कि जिसे लोग बवासीर समझते हैं वह कोलोन कैंसर हो. इसलिए इसके बारे में जानना जरूरी है. अगर कैंसर की पहचान शुरू में हो जाए तो इसका इलाज किया जा सकता है. इस लिहाज इस बात को जानना और भी जरूरी है.
बवासीर और कोलोन कैंसर के बीच अंतर
टीओआई की खबर ने बताया है कि हाल ही में लंदन के बड़े सर्जन डॉ. करण राज ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें बवासीर और कोलोन कैंसर के बीच अंतर को समझाया है. उन्होंने पाइल्स और कोलोन कैंसर के लक्षण और इसके संकेतों के बारे में भी बताया है. डॉ.करन राज ने इसे समझाने के लिए एक टॉयलेट पेपर पर लाल डॉट्स लगाए और बताया कि यह बवासीर के रंग है. वही इसी पेपर पर फूड वाले लाल रंग को दिखाया और कहा कि यह अंदर से आने वाला इंटनल ब्लीडिंग है. वहीं कोलोन कैंसर का रंग दिखाते हुए उन्होंने कहा कि यह गहरा लाल है जो इंटरनल ब्लीडिंग है. डॉ. करन ने इसके लिए बवासीर और कोलोन कैंसर दोनों के बीच लक्षणों के बारे में भी बताया. डॉ. राज ने उदाहरण देते हुए बताया कि बवासीर का खून पिज़्ज़ा के उपर चिपकने वाले खाने के रंग जैसा होता है वहीं कॉलोन कैंसर का खून पिज़्ज़ा के आटे में पका हुआ टॉपिंग की तरह होता है. उन्होंने बवासीर को पिज़्ज़ा के ऊपर रखा हुआ चीज़ स्लाइस की तरह बताया जबकि कॉलोन कैंसर को उस चीज़ के रूप में बताया जो क्रस्ट के अंदर पकी हुई होती है.
अंतर करने का सामान्य तरीका
बवासीर और कोलोन कैंसर के बीच अंतर करने का सामान्य तरीका यह है कि अगर बवासीर है तो जब आप शौच के बाद टॉयलेट पेपर से इसे पोछेंगे तो इसमें ब्राइट लाल रंग का खून दिखेगा. वहीं जब यह कोलोन कैंसर होगा तो इसमें गहरे रंग वाला लाल रंग होगा और यह स्टूल में मिला हुआ होगा.
बवासीर के लक्षण
बवासीर में गुदाद्वार पर दबाव के कारण मसल्स वेंस (Veins) सूज जाता है. इसके कई कारण हो सकते हैं. स्टूल पास करते समय ज्यादा जोर लगाना, देर तक टॉयलेट शीट पर बैठना, प्रेग्नेंसी आदि. इसमें इंटरनल और एक्सटरनल दोनों खून बाहर निकलते हैं. इसमें आमतौर पर दर्द नहीं होता है लेकिन नीचे स्किन जब सूजने लगती है तो इससे खुजली और दर्द दोनों हो सकता है. इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है. छोटी सी सर्जरी से यह ठीक हो जाता है. वहीं फाइबर वाले फूड का सेवन करने से यह ठीक भी हो जाता है.
कोलोन कैंसर
कोलोन कैंसर बड़ी आंत के पास से शुरू होता है और नीचे तक फैल सकता है. यह बहुत ही जटिल कंडीशन है. यह बहुत बारीक रूप में शुरू होता है लेकिन कुछ साल के बाद इसके खतरनाक लक्षण दिखने लगते हैं. अब तक कोलोन कैंसर का कोई सटीक कारण सामने नहीं आया है लेकिन माना जाता है कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल और पर्यावरण कारण इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.
कोलोन कैंसर के लक्षण अक्सर बवासीर के लक्षणों को ओवरलैप कर देते हैं, जिससे दोनों के बीच अंतर करना मुश्किल हो जाता है. हालांकि जब किसी को कोलोन कैंसर होता है तो इसमें लगातार पेट में दर्द, सूजन, थकान और तेजी से वजन गिरने लगता है. इसका पता कोलोनोस्कोपी से किया जा सकता है. इसके इलाज के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन का सहारा लिया जाता है.