बागपत. दिवाली पर मां लक्ष्मी को चढ़ाए जाने वाला खील सेहत के लिए एक चमत्कारी औषधि होती है. इसके सेवन से शरीर पर चौकाने वाले फायदे मिलते हैं. खील में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पेट को दुरुस्त रखता है और कब्ज की समस्या को ठीक करने में कारगर साबित होता है. खील में एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर को बीमारियों से दूर रखने में मददगार साबित होता है. इसका इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति करके आसानी से स्वास्थ्य लाभ ले सकता है.
आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर सुनीता सोनल धामा ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि खील एक चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधि का काम करती है, इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जिससे यह पेट के लिए वरदान का काम करती है और इससे कब्ज जैसी समस्या दूर रहती है. खील में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भरपूर होता है. जिससे यह शरीर के लिए वरदान से कम नहीं है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शरीर से रोगों को दूर रखने का काम करती है.
खील में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है. खील को अगर दूध में मिलाकर इस्तेमाल करते हैं, तो यह हड्डियों को ताकत देने का काम करता है. खील को अगर पानी में भिगोकर इस्तेमाल करते हैं, तो यह दस्त की समस्या से तुरंत राहत दिलाने का काम करता है. खील एक ऐसी चमत्कारी आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका इस्तेमाल कोई भी व्यक्ति करके स्वास्थ्य लाभ ले सकता है. खील का शरीर पर इसका कोई भी दुष्प्रभाव भी नहीं होता है. इसे हर कोई सेवन कर सकता है.
खील यानी लावा बहुत से लोगों के घर में आपको आसानी से मिल जाएगा. यह धान से तैयार होता है. इसे कई लोग लाई के नाम से भी जानते हैं. दिवाली, मकर संक्रांति, लोहरी, विवाह जैसे कई पर्व और अवसरों पर खील का प्रसाद चढ़ाया जाता है. दिवाली और धनतेरस पर मुख्य रूप से खील को चढ़ाया जाता है.