महाराष्ट्र-झारखंड में अभी काउंटिंग हुई नहीं कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 11 कैंडिडेट का ऐलान कर दिया. लेकिन वे अपनी पहली ही चाल में फंसते नजर आए. क्योंकि बीजेपी ने उनके 2 कैंडिडेट को लेकर गंभीर सवाल उठा दिए हैं. जिन मुद्दों का जिक्र कर केजरीवाल सबसे अलग होने का दावा करते थे, अब उसी पर बीजेपी ने उन्हें घेरने की कोशिश की है. आइए जानते हैं कि वो कौन से दो कैंडिडेट हैं, जिन्हें लेकर बीजेपी सबसे ज्यादा हमलावर है.
आप नेता गोपाल राय ने कैंडिडेट का ऐलान करते हुए कहा कि जिन 11 सीटों पर नाम घोषित किए गए हैं, उनमें से 8 सीट ऐसी हैं, जहां आम आदमी पार्टी के विधायक नहीं हैं. चुनाव की तैयारियां तेज हों, इसलिए पहली लिस्ट में इन सीटों को जगह दी गई है. जो अलग-अलग फीडबैक आए थे, उसी के आधार पर पार्टी ने बेस्ट कैंडिडेट उतारे हैं. छतरपुर सीट से तीन बार के विधायक ब्रह्म सिंह तंवर को उम्मीदवार बनाया गया है तो बदरपुर सीट से दो बार के विधायक रहे राम सिंह नेता जी कैंडिडेट होंगे. लक्ष्मीनगर से बीबी त्यागी, तो गोंडा से गौरव शर्मा को गोंडा उम्मीदवार होंगे. विश्वास नगर से दीपक सिंगला तो करलवाल नगर से मनोज त्यागी और सीलमपुर से चौधरी ज़ुबैर को मौका दिया गया है. किराड़ी से अनिल झा उम्मीदवार होंगे. झा की पूर्वांचली मतदाताओं में अच्छी पकड़ है.
किन नामों पर बवाल
यहां तक तक तो ठीक था, लेकिन आप ने दो नाम ऐसे दिए हैं, जिसे लेकर बीजेपी हमलावर हो गई. सीमापुरी से वीर सिंह धींगान औ मटियाला से सोमेश शौकीन को टिकट दिए जाने को बीजेपी अवसरवादी राजनीति बता रही है. इन दोनों नामों का ऐलान होते ही बीजेपी बरस पड़ी, पूछा-ऐसी भी क्या जरूरत थी कि एक भ्रष्टाचारी और दूसरे उपद्रवी को शरण देने वाले को टिकट देना पड़ गया.
महाराष्ट्र-झारखंड में अभी काउंटिंग हुई नहीं कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा. आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 11 कैंडिडेट का ऐलान कर दिया. लेकिन वे अपनी पहली ही चाल में फंसते नजर आए. क्योंकि बीजेपी ने उनके 2 कैंडिडेट को लेकर गंभीर सवाल उठा दिए हैं. जिन मुद्दों का जिक्र कर केजरीवाल सबसे अलग होने का दावा करते थे, अब उसी पर बीजेपी ने उन्हें घेरने की कोशिश की है. आइए जानते हैं कि वो कौन से दो कैंडिडेट हैं, जिन्हें लेकर बीजेपी सबसे ज्यादा हमलावर है.
आप नेता गोपाल राय ने कैंडिडेट का ऐलान करते हुए कहा कि जिन 11 सीटों पर नाम घोषित किए गए हैं, उनमें से 8 सीट ऐसी हैं, जहां आम आदमी पार्टी के विधायक नहीं हैं. चुनाव की तैयारियां तेज हों, इसलिए पहली लिस्ट में इन सीटों को जगह दी गई है. जो अलग-अलग फीडबैक आए थे, उसी के आधार पर पार्टी ने बेस्ट कैंडिडेट उतारे हैं. छतरपुर सीट से तीन बार के विधायक ब्रह्म सिंह तंवर को उम्मीदवार बनाया गया है तो बदरपुर सीट से दो बार के विधायक रहे राम सिंह नेता जी कैंडिडेट होंगे. लक्ष्मीनगर से बीबी त्यागी, तो गोंडा से गौरव शर्मा को गोंडा उम्मीदवार होंगे. विश्वास नगर से दीपक सिंगला तो करलवाल नगर से मनोज त्यागी और सीलमपुर से चौधरी ज़ुबैर को मौका दिया गया है. किराड़ी से अनिल झा उम्मीदवार होंगे. झा की पूर्वांचली मतदाताओं में अच्छी पकड़ है.
किन नामों पर बवाल
यहां तक तक तो ठीक था, लेकिन आप ने दो नाम ऐसे दिए हैं, जिसे लेकर बीजेपी हमलावर हो गई. सीमापुरी से वीर सिंह धींगान औ मटियाला से सोमेश शौकीन को टिकट दिए जाने को बीजेपी अवसरवादी राजनीति बता रही है. इन दोनों नामों का ऐलान होते ही बीजेपी बरस पड़ी, पूछा-ऐसी भी क्या जरूरत थी कि एक भ्रष्टाचारी और दूसरे उपद्रवी को शरण देने वाले को टिकट देना पड़ गया.
आइए जानते हैं इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों की 5 बड़ी बातें
सीमापुरी विधानसभा सीट
1-सीमापुरी एक आरक्षित सीट रही है, क्योंकि इस इलाके में लगभग आधे वोटर अनुसूचित जाति के हैं.
2-मुस्लिम 15% तो 25% ब्राह्मण और वैश्य वोटर्स हैं. वीर सिंह धिंगान यहां से लगातार तीन बार कांग्रेस से विधायक रहे.
3-2013 में आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता संतोष कोली के भाई धर्मेंद्र सिंह ने उन्हें हरा दिया.
4-2015 से आप के राजेंद्र पाल गौतम यहां से जीतते रहे. पिछले चुनाव में वीर सिंह धिंगान को सिर्फ 7661 वोट मिले थे.
5-बीजेपी भी यहां मजबूत प्लेयर रही है.
मटियाला विधानसभा सीट
1-वोटरों के लिहाज से देखें तो मटियाला पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सबसे बड़ी सीट है.
2-पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से आम आदमी पार्टी के गुलाब सिंह ने शानदार जीत दर्ज की थी.
3-बीजेपी यहां दूसरे नंबर पर रही. आप ने इस बार जिस सोमेश शौकीन को टिकट दिया है, उन्हें 3%वोट भी नहीं मिले थे.
4-2015 में भी यहां से आप के गुलाब सिंह ही जीतकर विधायक बने थे. तब सोमेश शौकीन को 8 फीसदी वोट मिले थे.
5-इससे पहले 2013 के चुनाव में बीजेपी के राजेश गहलोत यहां से जीते और गुलाब सिंह को चंद वोटों से मात दी थी. इस बार मुकाबला काफी दिलचस्प होगा, उधर, गुलाब सिंह पर इनकम टैक्स की जांच चल रही है.