Byju’s जांच: एक समय 22 बिलियन डॉलर के मूल्यांकन के साथ भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप, बायजू अब वित्तीय संकट और कानूनी समस्याओं का सामना कर रहा है। कंपनी भारत और अमेरिका दोनों में दिवालियापन की प्रक्रिया से गुजर रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार ने कंपनी की वित्तीय और लेखा प्रथाओं की नई जांच शुरू की है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा पिछली समीक्षा में बायजू के कॉरपोरेट गवर्नेंस में खामियों का पता चला था, जिसके बाद यह नई जांच शुरू की गई। हैदराबाद में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को बायजू के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच करने का आदेश दिया गया है, ताकि यह पता चल सके कि कंपनी ने वित्तीय विवरण गलत तरीके से प्रस्तुत किए हैं या फंड का दुरुपयोग किया है।

इससे पहले की समीक्षा में कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़ी समस्याएं सामने आई थीं, लेकिन वित्तीय गड़बड़ियों के कोई ठोस प्रमाण नहीं मिले थे। एक समय बायजू को भारत के सबसे मूल्यवान स्टार्टअप के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब कंपनी को वित्तीय संकट, कर्ज चुकाने में कठिनाई और कुप्रबंधन के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

अक्टूबर में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने दिवालियापन न्यायाधिकरण के फैसले को पलटते हुए कंपनी को दिवालियापन प्रक्रिया में वापस भेज दिया। इसने बायजू के संचालन का नियंत्रण दिवालियापन समाधान पेशेवर को सौंप दिया है। इसके निवेशकों, जैसे कि प्रोसस एनवी, ने अपने निवेश को राइट ऑफ कर दिया है। बायजू के संस्थापक, बायजू रवींद्रन ने हाल ही में स्वीकार किया कि कंपनी का मूल्यांकन अब शून्य हो गया है।

कंपनी ने इस नई जांच पर अभी तक कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है।

Bharat Baani Bureau

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