वित्त मंत्रालय की मासिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष रबी सीजन में फसल उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान है। यह वृद्धि उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), अनुकूल मानसून और पर्याप्त जलाशय स्तर के कारण संभव होगी। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि रबी सीजन को इस साल की शुरुआत में हुई अच्छी खरीफ फसल से लाभ मिलेगा, जिससे घरेलू खुदरा मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिल सकती है, जो अक्टूबर में खाद्य मूल्य दबाव के कारण बढ़ी थी।

मंत्रालय ने बताया कि 6 नवंबर 2024 तक धान की खरीद 161 लाख मीट्रिक टन तक पहुंच गई, जिससे 14.79 लाख किसानों को लाभ हुआ। रिकॉर्ड खरीफ फसल उत्पादन और बढ़े हुए MSP के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।

रबी फसलें सर्दियों में बोई जाती हैं और वसंत में काटी जाती हैं, जबकि खरीफ फसलें मानसून के दौरान बोई जाती हैं। रबी के लिए ठंडी और शुष्क जलवायु की जरूरत होती है, जबकि खरीफ की फसलों के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु आवश्यक है।

रिपोर्ट में कहा गया कि खरीफ फसल की बंपर उपज से खाद्य मुद्रास्फीति में कमी आने की उम्मीद है। अनुकूल मानसून और उच्च MSP रबी की बुआई और उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करेगा। मंत्रालय ने यह भी बताया कि अक्टूबर में खाद्य मुद्रास्फीति मुख्य रूप से भारी बारिश के कारण आपूर्ति में व्यवधान के कारण बढ़ी थी, जिससे टमाटर, प्याज और आलू जैसी आवश्यक सब्जियों की कीमतें बढ़ी थीं।

हालांकि, आने वाले महीनों में खाद्य कीमतों में स्थिरता आने और उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मांग में मजबूती बनी हुई है, विशेषकर FMCG बिक्री में सुधार देखने को मिला है। अक्टूबर में ट्रैक्टर और दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी वृद्धि दर्ज की गई।

वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि आर्थिक गतिविधि स्वस्थ बनी हुई है और विनिर्माण तथा सेवाओं के क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन जारी है। मंत्रालय को उम्मीद है कि अनुकूल परिस्थितियों और सरकारी समर्थन से रबी सीजन कृषि विकास को बढ़ावा देगा और मुद्रास्फीति के दबाव से भी राहत मिलेगी।

Bharat Baani Bureau

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