अडानी समूह ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अमेरिकी विदेशी भ्रष्टाचार प्रथाओं अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं है, जिन पर रिश्वतखोरी के आरोप थे। इस बयान के बाद अडानी ग्रुप के अधिकांश शेयरों में तेजी देखी गई, जिनमें अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी पावर, अडानी टोटल गैस, अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस, अंबुजा सीमेंट्स, अडानी विल्मर, अडानी पोर्ट्स एंड SEZ और एनडीटीवी शामिल हैं।

अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने आरोप लगाया था कि गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन भारतीय अधिकारियों को 26.5 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने की साजिश में शामिल थे, ताकि सौर बिजली आपूर्ति के लिए ठेका प्राप्त किया जा सके। यह ठेका 20 वर्षों में 2 अरब डॉलर का मुनाफा दिलाने वाला था।

अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने शेयर बाजार को सूचित करते हुए कहा कि खबरें ‘गलत’ हैं, जिनमें यह दावा किया गया कि इन पर एफसीपीए उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। कंपनी ने यह स्पष्ट किया कि इन पर अमेरिकी न्याय मंत्रालय द्वारा दायर अभियोग में FCPA का कोई उल्लंघन नहीं किया गया। इसके बावजूद, उन पर आपराधिक आरोप लगाए गए हैं, जिनमें प्रतिभूति धोखाधड़ी, वायर धोखाधड़ी और प्रतिभूति धोखाधड़ी का षड्यंत्र रचने का आरोप है। अडानी समूह ने इन आरोपों से इनकार किया और कानूनी मदद लेने का आश्वासन दिया।

कंपनी ने बताया, “अभियोग में किसी भी प्रकार के जुर्माने या दंड का उल्लेख नहीं किया गया है।” इसके अलावा, कंपनी ने कहा कि सिविल शिकायत के तहत अधिकारियों पर 1933 और 1934 के प्रतिभूति अधिनियमों की कुछ धाराओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है, और अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड पर इन उल्लंघनों को बढ़ावा देने और सहायता करने का आरोप है। कंपनी ने यह भी बताया कि शिकायत में प्रतिवादियों से सिविल मौद्रिक दंड वसूलने का आदेश देने की मांग की गई है, लेकिन जुर्माने की राशि के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

Bharat Baani Bureau

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