नई दिल्ली,27 नवंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) :1972 में रिलीज हुई हेमा मालिनी, धर्मेंद्र और संजीव कुमार की फिल्म सीता और गीता ने बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता हासिल की। रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी यह फिल्म हेमा मालिनी के करियर की सबसे बड़ी हिट साबित हुई। हालांकि, फिल्म का एक सीन ऐसा है जिसे लिखने का जावेद अख्तर को आज भी अफसोस है।

जावेद अख्तर, जो एनिमल जैसी फिल्मों के कंटेंट पर अक्सर अपनी राय खुलकर देते हैं, इस बात पर गर्व महसूस करते हैं कि उन्होंने कभी कोई ऐसा गाना या सीन नहीं लिखा, जो महिलाओं के सम्मान के खिलाफ हो। लेकिन सीता और गीता के एक सीन को लेकर उन्हें आज भी मलाल है।

कौन सा सीन है अख्तर को खटकता?

जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में बताया कि फिल्म में गीता (हेमा मालिनी) को एक सशक्त और आत्मनिर्भर लड़की के रूप में दिखाया गया है। एक सीन में जब गीता की जगह सीता आ जाती है, धर्मेंद्र उसके हाथ का खाना खाकर तारीफ करते हैं। मौसी बताती हैं कि यह खाना गीता ने बनाया है, जिसके बाद धर्मेंद्र गीता का सम्मान करने लगते हैं। जावेद अख्तर को इस बात का पछतावा है कि गीता की काबिलियत का सम्मान सिर्फ खाना बनाने के बाद ही क्यों दिखाया गया।

आज के दौर में नहीं लिखते ये सीन

अख्तर ने स्वीकार किया कि उस समय भले ही उन्होंने यह सीन लिख दिया, लेकिन अगर आज ऐसी फिल्म बनाई जाती, तो वे इसे कभी नहीं लिखते। इस सीन को लेकर उन्हें अपराधबोध महसूस होता है।

हेमा मालिनी ने इस फिल्म में डबल रोल निभाया था और धर्मेंद्र व संजीव कुमार भी अहम भूमिकाओं में थे। सीता और गीता ने अपने समय में दर्शकों का खूब मनोरंजन किया और आज भी इसे याद किया जाता है।

Bharat Baani Bureau

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