27 नवंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो )- इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच करीब दो महीने से जारी संघर्ष में हजारों मौतों के बाद अंततः युद्धविराम पर सहमति बनी। हालांकि युद्धविराम की शर्तों का खुलासा नहीं हुआ है, इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने तीन मुख्य कारण बताए हैं, जिनकी वजह से युद्धविराम संभव हुआ।
युद्धविराम के कारण:
- ईरानी खतरे पर ध्यान केंद्रित करना: नेतन्याहू ने कहा कि ईरानी खतरे को प्राथमिकता देना मुख्य कारण था, हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तार से बात नहीं की।
- बलों को राहत देना और सामग्री की पुनः आपूर्ति: नेतन्याहू ने बताया कि हथियारों और युद्ध सामग्री की आपूर्ति में देरी हो रही थी, जिसे जल्द हल कर लिया जाएगा।
- हिजबुल्ला को अलग-थलग करना और हमास पर दबाव बढ़ाना: नेतन्याहू ने कहा कि हमास को हिजबुल्ला से मदद मिल रही थी, लेकिन अब हिजबुल्ला बाहर होने के बाद हमास अकेला पड़ गया है, जिससे उन पर दबाव बढ़ेगा और बंधकों की वापसी के मिशन में मदद मिलेगी।
लेबनान के लिए समझौते के मायने:
7 अक्टूबर को इस्राइल में घातक हमले के बाद, लेबनान में युद्ध बढ़ गया था, जिसमें 3750 से अधिक लोग मारे गए और लाखों लोग बेघर हुए। इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच युद्धविराम से क्षेत्रीय तनाव कम होने की उम्मीद है, जिससे लेबनान में सामान्य स्थिति लौट सकती है और देश के नष्ट हुए हिस्सों को पुनर्निर्माण में मदद मिल सकती है।
गाजा और हमास के लिए समझौते के मायने:
इस युद्धविराम से गाजा और हमास के लिए भी महत्वपूर्ण संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि इससे गाजा में सीजफायर लागू करना आसान होगा और हमास द्वारा बंधक बनाए गए इस्राइली नागरिकों की वापसी पर चर्चा तेज हो सकती है। नेतन्याहू ने कहा कि युद्धविराम के बाद हमास को गाजा में अकेला छोड़ दिया जाएगा, क्योंकि अब उसे हिजबुल्ला का समर्थन नहीं मिलेगा, जिससे उसकी स्थिति कमजोर हो सकती है।