बीजिंग, 2 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) – ताइवान को हथियार बेचने के अमेरिकी फैसले पर चीन ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। हाल ही में, अमेरिकी सरकार ने ताइवान को 385 मिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दी, जिसमें लड़ाकू विमान और रडार सिस्टम के स्पेयर पार्ट्स शामिल हैं। चीन ने इसे अपनी संप्रभुता और सुरक्षा का उल्लंघन बताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से ताइवान को हथियारों की आपूर्ति रोकने की मांग करते हुए कहा कि चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए मजबूत कदम उठाएगा। इस कदम को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा देने वाला करार देते हुए, चीन ने इसे “वन चाइना नीति” और 1982 के चीन-अमेरिका समझौतों के खिलाफ बताया। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, इन उपकरणों की डिलीवरी 2025 से शुरू होगी।

यह कदम ताइवान को चीन के दबाव का सामना करने में मदद करेगा, जबकि चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और ताइवान खुद को स्वतंत्र राष्ट्र कहता है। अमेरिका लंबे समय से ताइवान की सुरक्षा में मदद कर रहा है, लेकिन यह सौदा ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव को और बढ़ा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे चीन-अमेरिका संबंधों में खटास आएगी और एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता पर असर पड़ेगा। चीन ने चेतावनी दी है कि वह अपनी सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।

सारांश – चीन ने ताइवान को हथियार बेचने के अमेरिकी फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। अमेरिका ने ताइवान को 385 मिलियन डॉलर के हथियारों की बिक्री मंजूर की, जिसमें लड़ाकू विमान और रडार स्पेयर पार्ट्स शामिल हैं। चीन ने इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए अमेरिका को चेतावनी दी और कहा कि वह अपनी सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएगा।

Bharat Baani Bureau

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