नई दिल्ली, 9 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) : विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर का हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद लोग कांबली के प्रति सहानुभूति दिखा रहे हैं। कुछ लोग उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि अन्य यह सलाह दे रहे हैं कि अगर उन्होंने अपनी जवानी में मेहनत की होती, तो आज यह हालात नहीं होते। सोशल मीडिया पर आए इन कमेंट्स से अलग हम बात करते हैं संजय मांजरेकर की, जिन्होंने हाल ही में विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया।
मांजरेकर ने स्पोर्ट्सक्रीड़ा को बताया कि 1992 के वर्ल्ड कप के शुरुआती मैचों में कांबली को प्लेइंग इलेवन में नहीं रखा गया था, जिससे वह थोड़े नाराज थे। मैचों के बाद, जब हम रूम में मिलते थे, तो कांबली अक्सर खिलाड़ियों की कमियां निकालते थे। वह मुझसे कहते थे, “आपने बहुत धीमी बैटिंग की” या “आप उस गेंद पर पुल मार सकते थे, लेकिन नहीं मारे।” वह सचिन को भी नहीं छोड़ते थे। हालांकि, एक मैच में सचिन और मैंने जिम्बाब्वे के खिलाफ अच्छी साझेदारी की और हम जीते। इसके बाद भी कांबली का कहना था कि हम ज्यादा जल्दी जीत सकते थे, और हमें थोड़ा तेज खेलना चाहिए था। फिर उन्होंने सचिन से कहा कि जॉन ट्रायकोस तो बहुत साधारण ऑफ स्पिनर है, उसे तो आप ग्राउंड के बाहर मार सकते थे, लेकिन आप उसकी गेंदों पर एक-एक रन ले रहे थे।
संजय मांजरेकर इसी क्रम में बताते हैं कि उन्होंने देखा है कि कोई एक बंदा है जो सचिन को नाराज कर सकता है तो वो विनोद कांबली है. ऐसे कैरेक्टर थे विनोद कांबली. फिर फाइनली विनोद को पाकिस्तान के खिलाफ सिडनी में खेले गए मैच में मौका मिल गया. कांबली ने इस मैच में 54-55 की स्ट्राइक रेट से बैटिंग की. संजय आगे बताते हैं, ‘हमने (सचिन-संजय) मैच के बाद कांबली को कॉर्नर पर लिया और उनसे पूछा कि क्या हुआ. तेज बैटिंग क्यों नहीं की. नेट्स पर तो खूब छक्के मारते हो. मैच में 54-55 की स्ट्राइक रेट से बैटिंग का क्या मतलब है. इस पर कांबली का जवाब था कि वो लोग बहुत टाइट बॉलिंग कर रहे थे.’
संजय मांजरेकर फिर कहते हैं कि ये थे कांबली. उन्होंने एक साधारण सा जवाब दिया कि टाइट बॉलिंग हो रही थी. वे अक्सर ऐसी बातें करते थे और अंत में हम सब हंस पड़ते थे. बता दें कि संजय मांजरेकर, सचिन तेंदुलकर और विनोद कांबली तीनों ही मुंबई के क्रिकेटर रहे हैं और 1980-90 के दशक में भारत के लिए साथ खेले हैं. इसी वजह से तीनों एकदूसरे को अच्छे से जानते हैं.
सारांश – विनोद कांबली और सचिन तेंदुलकर का हाल ही में वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना है, जिसके बाद कांबली के प्रति सहानुभूति और सलाहें सामने आई हैं। इस संदर्भ में संजय मांजरेकर ने 1992 के वर्ल्ड कप के एक दिलचस्प किस्से को साझा किया। उन्होंने बताया कि वर्ल्ड कप के शुरुआती मैचों में कांबली को प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली, जिससे वह नाराज थे। वे अक्सर मैच के बाद खिलाड़ियों की कमियां निकालते थे, खासकर सचिन की। एक मैच में सचिन और मांजरेकर की अच्छी साझेदारी के बावजूद, कांबली ने कहा कि हमें जल्दी जीतना चाहिए था।
मांजरेकर ने यह भी बताया कि कांबली का एक खास अंदाज था, और वे अक्सर साधारण जवाब देते थे। जब पाकिस्तान के खिलाफ मैच में कांबली को मौका मिला, तो उन्होंने 54-55 की स्ट्राइक रेट से बैटिंग की। जब मांजरेकर ने उन्हें तेज खेल की सलाह दी, तो कांबली ने इसका कारण ‘टाइट बॉलिंग’ बताया। मांजरेकर ने यह भी कहा कि कांबली के ऐसे जवाब हमेशा हंसी में बदल जाते थे। तीनों खिलाड़ी, सचिन, कांबली और मांजरेकर, मुंबई के क्रिकेटर थे और 1980-90 के दशक में भारत के लिए एक साथ खेले थे।