International, 10 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) : कनाडा में पगड़ी और दाढ़ी वाले सिखों के खिलाफ नस्लीय हमलों और हिंसा में बढ़ोतरी ने पंजाब में अभिभावकों को चिंतित कर दिया है। वे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं, जो शिक्षा या काम के लिए कनाडा गए हैं। कनाडा में सिख समुदाय, जो कुल आबादी का 2.1% है, लंबे समय से नस्लीय भेदभाव और हमलों का शिकार रहा है। हालिया महीनों में इस तरह की घटनाओं में वृद्धि ने सिख समाज में भय और आक्रोश उत्पन्न किया है।

प्रमुख घटनाएं:

  1. हरशणदीप सिंह (20 वर्ष): एडमॉन्टन में सुरक्षा गार्ड की गोली मारकर हत्या।
  2. गुरअसीस सिंह (22 वर्ष): सरनिया में सहकर्मी द्वारा चाकू से हत्या।
  3. रिपुदमन सिंह मलिक: वैंकूवर में गोली मारकर हत्या।
  4. हरप्रीत सिंह उप्पल और उनका बेटा (11 वर्ष): एडमॉन्टन में हत्या।
  5. पवनप्रीत कौर (21 वर्ष): ओंटारियो में गोली मारकर हत्या।
  6. सनराज सिंह (24 वर्ष): अल्बर्टा में गोली मारकर हत्या।

इतिहासकार प्रो. कुणाल के अनुसार, कनाडा में सिखों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव की घटनाएं नई नहीं हैं। 1907 का बेलिंगहम दंगा और 1914 का कामागाटामारू कांड इसका उदाहरण हैं, जब भारतीय यात्रियों को कनाडा में प्रवेश से रोका गया और उन्हें भारत वापस भेज दिया गया, जहां उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन, इकबाल सिंह लालपुरा ने कनाडा सरकार से इन घटनाओं पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है।

एनडीपी नेता जगमीत सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन भी नस्लीय टिप्पणियों और हमलों का शिकार हो चुके हैं। कनाडा में रहने वाले पंजाबी समुदाय के लोग अपने परिजनों और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता में हैं। बलवंत सिंह ने कहा, “हमारे बच्चे विदेशों में पढ़ाई और नौकरी कर रहे हैं, लेकिन इस तरह की घटनाएं दिल को छेड़ने वाली हैं।” कनाडा के लेखक सुखविंदर सिंह चोहला ने कहा, “इस प्रकार की घटनाएं सिख समुदाय में असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं और कनाडा में सिखों द्वारा बनाई गई प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुँचाती हैं।”

सारांश – इंटरनेशनल डेस्क: कनाडा में पगड़ी और दाढ़ी वाले सिखों के खिलाफ नस्लीय हमलों और हिंसा में बढ़ोतरी ने पंजाब में अभिभावकों को चिंतित कर दिया है, जो अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर परेशान हैं, जो शिक्षा या काम के लिए कनाडा गए हैं। सिख समुदाय, जो कुल आबादी का 2.1% है, लंबे समय से नस्लीय भेदभाव और हमलों का शिकार रहा है। हालिया घटनाओं में वृद्धि ने समाज में भय और आक्रोश पैदा किया है। प्रमुख घटनाओं में सुरक्षा गार्ड की हत्या, चाकू से हत्या और गोली मारकर हत्या की घटनाएं शामिल हैं।

इतिहासकार प्रो. कुणाल के अनुसार, कनाडा में सिखों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव की घटनाएं नई नहीं हैं, जैसे 1907 का बेलिंगहम दंगा और 1914 का कामागाटामारू कांड। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा ने कनाडा सरकार से सख्त कार्रवाई की अपील की है। एनडीपी नेता जगमीत सिंह और पूर्व रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन भी नस्लीय हमलों का शिकार हो चुके हैं। कनाडा में बसे पंजाबी समुदाय के लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

Bharat Baani Bureau

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