नई दिल्ली 17 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) . हमने सुनील गावस्कर को क्रिकेट के मैदान पर चौके-छक्के लगाते तो खूब देखा होगा. अब क्रिकेट का यह दिग्गज एक कमेंटेटर की भूमिका में नजर आता है. गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं. लिटिल मास्टर के नाम से मशहूर गावस्कर के साथ बचपन में एक ऐसी वारदात हुई थी, जिसके बारे में सोचकर भी लोगों के रौंगटे खड़े हो जाएं. उनकी मां की ममता बचपन में ही उजड़ते-उजड़ते बच गई. अगर उनके चाचा जी ने मुस्तैदी नहीं दिखाई होती तो आज गावस्कर एक बैटर नहीं बल्कि शायद मछुआरे होते.
सुनील गावस्कर का जन्म 10 जुलाई 1949 को मुंबई के एक अस्पताल में हुआ था. वो एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं. जिस अस्पताल में वो जन्में, वहां उनके साथ-साथ कई अन्य बच्चों का जन्म उस दिन हुआ था. नर्स ने गलती से बच्चे की अदला बदली कर दी थी. उन्हें नर्स ने गलती से एक मछुआरे के परिवार के पालने में डाल दिया था. किसी को भी इस अदला-बदली की भनक तक नहीं लगी. इसी बीच जब गावस्कर के चाचा दूसरी बार जब अस्पताल पहुंचे तो उन्होंने एक मिनट में पहचान लिया कि यह बच्चा वो नहीं है, जो पहले दिखाया गया था.
चाचा जी ने कैसे पकड़ी चूक?
गावस्कर के चाचा जी ने पहले देखा था कि भतीजे के कान के पास निशान है. अदला-बदली के बाद दिए गए नए बच्चे के कान पर ऐसा कोई निशान नही था. उन्होंने तुरंत ही इस मुद्दे को लेकर अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया. इसके बाद अस्पताल में बच्चे की तलाश शुरू की गई. अंत में गावस्कर के चाचा जी ने पाया कि वो एक मछुआरे के परिवार के पास रखे पालने में हैं. पूरी जांच पड़ताल के बाद गावस्कर को उनके परिवार को लौटा दिया गया था.
गावस्कर के खेल पर भी घटना का असर!
लिटिल मास्टर ने गावस्कर ने एक टीवी शो के दौरान हास्यास्पद अंदाज में भी घटना का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि बैटिंग के दौरान भी उनपर इसका असर पड़ा. फिशिंग आउट साइड द ऑफ स्टंप की गेंद पर वो बार-बार उसे छेड़ने के चक्कर में आउट हो जाते थे. भले ही अब सनी पाजी इस घटना को हल्के-फुल्के अंदाज में बता रहे हों लेकिन जरा सोचिए अगर उनके चाचा जी ने इस चूक को नहीं पकड़ा होता तो वो एक मछुआरे के परिवार का हिस्सा होते और शायद आज इसी व्यवसाय से जुड़े होते. भारत इतना महान बल्लेबाज मिलने से चूक जाता. ऐसे में टेस्ट क्रिकेट में रनों का अंबार कौन लगाता. गावस्कर ने अपनी आत्मकथा में भी इस खौफनाक घटना का जिक्र किया है.