नवसारी 27 दिसंबर 2024 (भारत बानी ब्यूरो ) -: आज के आधुनिक युग में जब लोग शहरीकरण की ओर बढ़ रहे हैं, नवसारी के एक युवा, पार्थ मंग्रोलिया, प्रकृति को संरक्षित करने की अनोखी पहल कर रहे हैं. नवसारी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के इस छात्र ने मुरझाए हुए फूलों को नई जिंदगी दी है और उनसे आकर्षक चीज़ें बनाई हैं. आइए जानते हैं कि उन्हें यह विचार कैसे आया और वे इसे कैसे बेच रहे हैं.
आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार
आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करते हुए, इस युवा ने फूलों को संरक्षित और सजाकर 700 से अधिक अनोखी वस्तुएं बनाई हैं. इनमें की-चेन, ब्रेसलेट, पेपरवेट, पेंडेंट, बुकमार्क्स, ज्वेलरी, रिंग्स और प्लेट्स शामिल हैं. हर आइटम में इस्तेमाल किए गए रंग-बिरंगे फूल उसे एक अलग खूबसूरती प्रदान करते हैं.
प्रकृति से जुड़ने का संदेश
बता दें कि पार्थ की इस इनोवेटिव कोशिश का मुख्य उद्देश्य लोगों में प्रकृति के प्रति प्यार जगाना है. उनके अनुसार, आज के समय में लोग ग्रामीण इलाकों से शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं और प्रकृति से दूर हो रहे हैं. ऐसे में, उनके द्वारा बनाए गए ये कला के नमूने लोगों को प्रकृति से जोड़ने का एक जरिया बन रहे हैं.
कीमत और मांग
इन वस्तुओं की कीमत ₹100 से ₹2000 तक है और ग्राहकों से इन्हें अच्छा प्रतिसाद (good response) मिल रहा है. खासकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इनकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. इस तरह, पार्थ मंग्रोलिया न केवल आत्मनिर्भर बन रहे हैं, बल्कि पर्यावरण जागरूकता के लिए भी काम कर रहे हैं.
‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत योगदान
पार्थ की यह पहल सरकार के ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत भी आती है, जिसका उद्देश्य स्वदेशी उद्योगों और उत्पादों को बढ़ावा देना है. पार्थ का यह स्टार्टअप आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है.