2 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – पाकिस्तान एक पूरी तरह विफल देश बनते जा रहा है. वहां आम इंसान क्या, सेना और सुरक्षा बलों के जवाब भी अब सुरक्षित नहीं हैं. पूर्व पीएम इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद तो स्थिति और खराब हो गई है. उनके जाने के बाद वहां हिंसा और आतंकवाद में 44 फीसदी की वृद्धि हुई है. बीते साल में पिछले 9 सालों की तुलना में 66 फीसदी ज्यादा सुरक्षा कर्मी मारे गए. यहां औसतन चार सुरक्षाकर्मी प्रतिदिन मारे गए. उधर पाकिस्तान सेना का दावा है कि उसने पूरे साल के दौरान 925 आतंकवादियों को मार गिराया.

बीता साल पाकिस्तानी सेना के लिए बेहद घातक साबित हुआ. आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों के 1284 जवानों-अधिकारियों को मौत के घाट उतार दिया जबकि 1661 सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए. आतंकवादी संगठन तहरीके तालिबान पाकिस्तान तथा अन्य संगठनों द्वारा साल 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक बीता साल पाकिस्तान सेना और सुरक्षा कर्मियों पर कहर बनकर टूटा. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में इमरान खान का शासन जाने के बाद हिंसा लगातार बढ़ रही है. साल 2022 में यह 15 फीसदी, साल 2023 में 56 फीसदी और साल 2024 में 66 फीसदी बढ़ी. आंकड़ों के मुताबिक औसत हिंसा में 44 फीसदी वार्षिक वृद्धि हुई है.

आतंकी संगठन ने जारी किया कैलेंडर
आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने साल 2024 का कैलेंडर जारी किया है. उसके मुताबिक उसने बीते साल 1758 आतंकवादी हमले किए. इन हमलों में उसने पाकिस्तान सेना के 1284 लोगों को मार गिराया जबकि 1661 सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए. मारी गई लोगों में सबसे ज्यादा पाकिस्तान सेना के स्पेशल सर्विस ग्रुप यानी एसएसजी के 1441 लोग शामिल हैं. पाकिस्तानी पुलिस के 820 फ्रंटियर कर के 578 और खुफिया विभाग के 106 लोग शामिल हैं.

पाकिस्तान सेना पर किए गए हमलों के दौरान आतंकवादियों ने सेना के घातक हथियारों को लूट लिया. साथ ही 40 मिलिट्री शिविरों को नुकसान पहुंचाया. ये हमले स्नाइपर अटैक, गोरिल्ला अटैक, मिसाइल अटैक, आत्मघाती हमले, आमने-सामने की लड़ाई आदि तौर पर किए गए. पाकिस्तान सेना के लिए यह साल बेहद नुकसानदेह रहा, इस बाबत सेंटर फॉर रिसर्च और सिक्योरिटी स्टडीज ने भी पाकिस्तान पर अपनी रिपोर्ट जारी की है. उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान में आतंकवादी हमले और हिंसा की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इमरान खान के शासन के बाद यह बढ़ोतरी और ज्यादा हुई है.

उधर, पाकिस्तान सेना के डायरेक्टर जनरल आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी का दावा है कि बीते साल में 925 आतंकवादियों को मार गिराया गया. लेफ्टिनेंट जनरल के आंकड़ों के मुताबिक बीते साल में 383 अधिकारी और सैनिक मारे गए. जबकि सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज की रिपोर्ट का मानना है कि पाकिस्तान सेना की तुलना में मारे गए आतंकवादियों की संख्या से मारे गए सैनिक कर्मियों की संख्या में 73 फीसदी बढ़ी है. यानी कुल मिलाकर बीता साल पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों के लिए अच्छा नहीं रहा और आतंकवादियों के हमले अभी भी लगातार जारी हैं.

Bharat Baani Bureau

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