नई दिल्ली 6 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) -. नीतीश कुमार रेड्डी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत की खोज रहे. इस युवा बैटर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में इस उम्मीद से डेब्यू कराया गया था कि वे टीम में चौथे पेसर की भूमिका निभाएंगे और कुछ रन भी बना देंगे. नीतीश रेड्डी ने उम्मीद से बढ़कर प्रदर्शन किया. वे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में यशस्वी जायसवाल के बाद सबसे अधिक रन बनाने वाले भारतीय रहे. नीतीश ने अपनी बैटिंग से इतना प्रभावित किया कि रवि शास्त्री जैसे दिग्गज कहने लगे कि नीतीश को टॉप-6 में बैटिंग करनी चाहिए.

नीतीश कुमार रेड्डी का प्रदर्शन स्टीव वॉ और स्टीव स्मिथ जैसे दिग्गजों की याद दिलाता है. ऐसे दिग्गज जिन्होंने करियर की शुरुआत बतौर बॉलिंग ऑलराउंडर की और फिर दुनिया में दिग्गज के बैटर के रूप में जाने गए. स्टीव स्मिथ का ही उदाहरण लीजिए. पाकिस्तान के खिलाफ लॉर्ड्स में डेब्यू करने वाले स्टीव स्मिथ को पहले 4 टेस्ट में आठवें या नौवें नंबर पर बैटिंग का मौका मिला. उन्होंने शुरुआती 10 टेस्ट में से 6 में 7वें नंबर या इसके बाद बैटिंग की और बाकी 4 में छठे नंबर पर उतरे. इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ लॉर्ड्स में 3 विकेट झटके तो इंग्लैंड के खिलाफ 4 शिकार किए.

स्टीव स्मिथ अपने करियर के 12वें टेस्ट में ओवल में 138 रन की पारी खेलते हैं और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखते. अगले छह टेस्ट में वे तीन शतक और जड़ देते हैं. इस तरह जिस खिलाड़ी को प्लेइंग इलेवन में स्पिन ऑलराउंडर के तौर पर जगह मिलती है, वह अपने शुरुआती 18 टेस्ट में 4 शतक जड़ देता है. आज उनके नाम सुनील गावस्कर के बराबर यानी 34 टेस्ट शतक हैं. ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज स्टीव वॉ को भी शतक लगाने के लिए डेब्यू के बाद 4 साल इंतजार करना पड़ता है. लेकिन जब वे रिटायर होते हैं तो उनकी छवि खांटी बैटर की होती है, जो एक बार क्रीज पर खड़ा हो गया तो उसे आउट करना अच्छे-अच्छों के लिए मुश्किल होता है.

भारत के रवि शास्त्री भी ऐसे ही खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू के बाद हर किसी को चौंकाया. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत नौवें नंबर पर बैटिंग करते हुए की थी. इसके बाद वे अपनी बैटिंग में इतना सुधार करते हैं कि टीम इंडिया के ओपनर हो जाते हैं.

नीतीश कुमार रेड्डी ने 22 नवंबर को पर्थ में डेब्यू किया और पहली ही पारी में भारत के टॉप स्कोरर रहे. भारत इस पारी में 150 रन पर सिमटा, जिसमें 41 रन नीतीश कुमार रेड्डी के थे. इस शानदार शुरुआत को उन्होंने अंजाम तक भी पहुंचाया. नीतीश रेड्डी ने 5 मैचों की सीरीज में 9 पारियों में 37.25 की औसत और एक शतक की मदद से 298 रन बनाए. इसके अलावा उन्होंने 4 विकेट भी झटके. यह प्रदर्शन बताता है कि नीतीश रेड्डी के रूप में भारत को एक ऐसा बैटर मिला है, जो पेस बॉलिंग भी करता है. अगर वे अपने इसी प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हैं तो भारतीय टीम को वह संतुलन मिल जाएगा, जिसकी उसे लंबे समय से तलाश है.

Bharat Baani Bureau

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