कीव 15 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जापानी एयरफोर्स के पायलट सीधे दुश्मनों के जहाजों पर विमान को क्रैश कर देते थे. इन आत्मघाती पायलटों को ‘कामिकाजे’ के नाम से जाना गया. रूस में यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे उत्तर कोरियाई सैनिक भी कामिकाजे की भूमिका में देखे गए हैं. इस सप्ताह रूसी बलों के साथ एक भयानक लड़ाई के बाद यूक्रेनी स्पेशल फोर्स कुर्स्क क्षेत्र के बर्फीले इलाकों में शवों की खोज कर रही थी. इस दौरान उन्हें दर्जनभर से ज्यादा उत्तर कोरियाई दुश्मनों के शव मिले. इस दौरान उन्हें एक जिंदा सैनिक मिला. यूक्रेनी सैनिक जैसे ही उसके पास पहुंचे उस उत्तर कोरियाई सैनिक ने खुद को उड़ा लिया, ताकि उसे कैद न किया जा सके.
ग्रेनेड विस्फोट के जरिए उसने खुद को मारा है. यूक्रेन के विशेष बलों ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने इस दौरान कुर्स्क में हुए भीषण संघर्ष का वर्णन किया. यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि इस आत्मघाती विस्फोट में उनके सैनिकों को कोई चोट नहीं आई है. इस घटना ने युद्धक्षेत्र में उन खुफिया रिपोर्टों को सच साबित कर दिया है, जिसके मुताबिक उत्तर कोरियाई सैनिक खुद को पकड़े जाने से बचाने के लिए इस तरह का कदम उठा रहे हैं.
‘सैनिकों को किया गया ब्रेनवॉश’
यह घटना दिखाती है कि उत्तर कोरियाई सैनिक खुद को कैद से बचाने के लिए किस हद तक जा रहे हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि इस बात का कोई सबूत न रहे कि यूक्रेन के खिलाफ उत्तर कोरिया के सैनिक भी लड़ रहे हैं. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में दक्षिण कोरिया भागे 32 साल के पूर्व उत्तर कोरियाई सैनिक किम ने बताया कि खुद को बम से उड़ा लेना और आत्महत्या वास्तविकता है. उन्होंने कहा, ‘ये सैनिक, जो वहां लड़ने गए हैं ब्रेनवॉश हो चुके हैं और किम जोंग उन के लिए खुद को बलिदान करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.’
‘पकड़ा जाना मतलब देशद्रोह’
किम के मुताबिक अगर कोई सैनिक दुश्मन की ओर से पकड़ा जाता है और फिर वापस उत्तर कोरिया भेजा जाता है तो यह मौत से भी बुरी स्थिति मानी जाती है. उन्होंने बताया कि युद्धबंदी बनने का मतलब देशद्रोह है. पकड़े गए सैनिक को देशद्रोही मान लिया जाता है. उत्तर कोरिया की सेना में एक आखिरी गोली बचाने की बात होती है, ताकि इससे खुद को मारा जा सके. यूक्रेन और पश्चिमी देशों का आकलन है कि उत्तर कोरिया के 11000 से ज्यादा सैनिक यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए यूक्रेन पहुंचे हैं.