20 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) तेल अवीव : इजरायल और हमास के बीच सीजफायर शुरू हो गया है. पिछले 15 महीनों से चल रही लड़ाई में फिलहाल यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है. कतर, यूएस और मिस्र के प्रयासों से यह समझौता हुआ है. इसके तहत कई चरणों में हमास की ओर से बंधकों की रिहाई होगी. बदले में इजरायल की जेलों में बंद 737 फिलिस्तीनी कैदियों को इजरायल छोड़ेगा. पहले चरण में हमास की ओर से 33 बंधकों को आजाद किया जाएगा. इसके अलावा राहत सामग्री वाले 600 ट्रक और 50 ईंधन टैंकर हर रोज गाजा में जाएंगे. लेकिन युद्धविराम की शर्तों में फिलाडेल्फिया कॉरिडोर से वापसी भी शामिल है. यह ऐसी जगह है, जिसे नेतन्याहू नहीं छोड़ना चाहते. आइए जानें यह कहां है और आखिर इजरायल इसे क्यों चाहता है?
फिलाडेल्फिया कॉरिडोर राफा क्रॉसिंग समेत मिस्र और गाजा की सीमा के बीच 14 किमी लंबी और 100 मीटर चौड़ी पट्टी है. 2005 में गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी के बाद एक विसैन्यीकृत सीमा के रूप में नामित किया गया था. यह भूमध्य सागर तक जाती है. मिस्र के साथ इजरायल की 1979 कैंप डेविड संधि ने गलियारे में सीमित संख्या में सैनिकों को तैनात करने की इजाजत दी थी. इजरायल के बाद यह फिलिस्तीनी प्राधिकरण की जिम्मेदारी थी. 2007 में हमास की ओर से गाजा पर नियंत्रण करने तक मिस्र ने यहां 750 पुलिसकर्मी तैनात कर रखे थे. ताकि तस्करी को रोका जा सके. मई में इजरायल ने पिछले साल इस कॉरिडोर पर कब्जा कर लिया था.