22 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ): आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि सांवा हल्का और पाचन में आसान है. यह शरीर को शुद्ध रखने और ऊर्जा प्रदान करने में सहायक है, जो उपवास के दौरान आवश्यक होता है. यह अनाज मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. मुख्य रूप से वजन कम करने में इसका उपयोग किया जंगली चावल के नाम से प्रसिद्ध सांवा अनाज से अनेकों टेस्टी खाद्य सामग्रियां बनाई जाते हैं. व्रत के दौरान महिलाएं सांवा के अनाज बने व्यंजनों का अल्पाहार करती है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण को बताया कि सांवा पवित्र अनाज है, जिसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व विशेष रूप से भारतीय परंपराओं में पाया जाता है.
शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक: धार्मिक अवसरों और पूजा में उन चीजों का उपयोग किया जाता है, जो शुद्ध और प्राकृतिक होती है. सांवा एक बिना हाइब्रिड और प्राकृतिक अनाज है, जिसे शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. नवरात्रि, एकादशी, और अन्य धार्मिक पर्वों पर सांवा से बने व्यंजन देवी-देवताओं को अर्पित किए जाते हैं. इसे प्रसाद के रूप में उपयोग किया जाता है.आयुर्वेदिक महत्व: आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने Local 18 को बताया कि सांवा हल्का और पाचन में आसान है. यह शरीर को शुद्ध रखने और ऊर्जा प्रदान करने में सहायक है, जो उपवास के दौरान आवश्यक होता है. यह अनाज मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है. मुख्य रूप से वजन कम करने में इसका उपयोग किया जाता है.
सांवा के व्यंजन: इस अनाज से अनेकों प्रकार के व्यंजन भी बनाए जाते हैं. सांवा की खिचड़ी बहुत ही टेस्टी होती है. इसके अलावा सांवा का हलवा, पकोड़े, कचौड़ी भी बनाई जाती है. लेकिन मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा व्रत के समय सांवा के पोहे खाए जाते हैं. घर पर भी आसानी से सांवा के पोहे बनाए जा सकते हैं.सांवा पोहा बनाकर खाएं: यह बनाने के लिए सांवा को अच्छे से धोकर पानी में थोड़ा नमक डालकर उबाल लें.उसके बाद कड़ाही में थोड़ा तेल डालकर उसे गर्म करें और थोड़ी मूंगफली डालकर सेक लें. उन्हें कड़ाही से बाहर निकालें और फिर बचे हुए तेल में थोड़ी-सी राई डालकर करी पत्ते व सूखी लाल मिर्च के साथ तड़का तैयार करें.इसके बाद उसमें अपनी मनपसंद सभी सब्जियां (मटर, गाजर, प्याज व टमाटर आदि) डालें. थोड़ी देर इन सब्जियों को पकने दें और उसके बाद उबाला हुआ सांवा उनमें डाल दें. अब उसे थोड़ी देर और पकाएं. उस पर हरा धनिया और तली हुई मूंगफली के दाने ऊपर से डालकर परोसें
सारांश:व्रत रखने के दौरान शरीर को ऊर्जा बनाए रखने के लिए कुछ पौष्टिक अनाज बहुत फायदेमंद होते हैं। इन अनाजों से शरीर को आवश्यक पोषण मिलता है, जिससे पूरे दिन ऊर्जा बनी रहती है और कमजोरी महसूस नहीं होती। पूजा-पाठ के दौरान इन्हें पवित्र माना जाता है, और यह विशेष रूप से व्रति के आहार में शामिल किए जाते हैं। इन अनाजों को अपने व्रत आहार में शामिल कर शरीर को ताजगी और शक्ति मिलती है।