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नई दिल्‍ली 24 जनवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ).फिल्‍मकार रामगोपाल वर्मा (Ram Gopal Verma) को मुंबई की एक अदालत ने चेक बाउंस (Cheque Bounce Law) मामले में 3 महीने की सजा सुनाई है. साथ ही उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया, जिसका मतलब है कि उन्‍हें इस मामले में जमानत भी नहीं मिल सकती है. अमूमन चेक बाउंस के मामले में जमानत मिल जाती है, लेकिन यहां अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि आखिर क्‍यों कोर्ट ने ऐसा आदेश जारी किया और चेक जारी करते समय क्‍या सावधानी रखना चाहिए.

सबसे पहले तो यह समझते हैं कि चेक आखिर बाउंस होता क्‍यों है. इसका जवाब सीधा सा है कि अगर आपने किसी को 50 हजार रुपये का चेक जारी किया और उस पर भुगतान के लिए एक तय तारीख लिखी है, लेकिन उस तारीख पर आपके खाते में 50 हजार या उससे अधिक राशि नहीं है तो कोर्ट ऐसे चेक को वापस लौटा देता है. इसी प्रक्रिया को चेक बाउंस होना कहते हैं. यह ध्‍यान रखने वाली बात है कि अगर 50 हजार रुपये से 1 रुपया भी कम होगा तो आपको चेक बाउंस मान लिया जाएगा.

सारांश:राम गोपाल वर्मा के चेक बाउंस मामले ने एक बार फिर इस नियम को चर्चा में लाया है। यदि किसी व्यक्ति का चेक बाउंस हो जाता है, तो इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है, जिसके तहत जुर्माना और सजा दोनों का प्रावधान है। इससे बचने के लिए समझदारी से चेक का उपयोग करना और पर्याप्त राशि रखना बेहद जरूरी है, ताकि किसी भी कानूनी परेशानी से बचा जा सके।

Bharat Baani Bureau

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