03 फरवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि युवाओं के रोजगार के मसले पर सरकारें गंभीर नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस मसले पर पूर्व की यूपीए सरकार हो या फिर मौजूदा पीएम मोदी की सरकार दोनों ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी की मेक इन इंडिया योजना अच्छी थी लेकिन, सच्चाई यह है कि यह योजना पूरी तरह विफल साबित हुई है. रोजगार के मसले पर इस सरकार की योजना साफ नहीं है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है.

उन्होंने कहा कि देश में मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट आई है. उन्होंने मोबाइल का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि भारत में मोबाइल फोन बन नहीं रहे हैं. यहां ये असेंबल हो रहे हैं. मोबाइल का हर एक पार्ट चीन से आता है और अपने यहां उसे केवल असेंबल किया जाता है. उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है. लेकिन हम उस पर फोकस नहीं कर रहे हैं.

उन्होंने कंप्यूटर का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि जब देश में कंप्यूटर लाया गया तो कई लोगों ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने भी इसका विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि देश को कंप्यूटर की जरूरत नहीं है. कंप्यूटर क्रांति कांग्रेस की देन है. राहुल गांधी ने कहा कि आज का समय एआई डाटा का है. लेकिन हम इस दिशा में नहीं बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि डाटा की आज अहमियत है. लेकिन हमारे पास अपना डेटा नहीं है. हमारा डेटा अमेरिकी कंपनियों के पास है. अगर भारत एआई की ओर बढ़ने की बात करता है तो उसके पास डेटा कहा हैं. उन्होंने कहा कि चीन हमसे काफी आगे हैं. बीते करीब 10 सालों से इलेक्ट्रिक वेहिकल और डेटा सेक्टर में चीन काफी काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि आज देश को एक प्रोडक्शन सिस्टम बनाने की जरूरत है.

सारांश: राहुल गांधी ने संसद में कहा कि न तो यूपीए और न ही एनडीए सरकार ने युवाओं को रोजगार के बारे में स्पष्ट जवाब दिया है। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ को एक अच्छा विचार बताया, लेकिन आंकड़ों के अनुसार, यह योजना सफल नहीं रही।

Bharat Baani Bureau

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