07 फरवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – चंद्रयान-3 मिशन की चांद पर सफल लैंडिग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO/इसरो) ने इतिहास रच दिया था. इसके सफलता के बाद से ही इसरो मिशन मून में लगा हुआ है. चंद्रयान-3 के बाद चंद्रयान-4 मिशन पर इसरो के वैज्ञानिक लगातार काम कर रहे हैं. इसकी लॉन्चिंग की तारीख को लेकर पूरी देश की नजरें टिकी हुई थी. तो आपको बता दें कि आपके इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली है. केंद्रीय साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को चंद्रयान-4 लॉन्चिंग की तारीख पर ताजा अपडेट जारी किया. उन्होंने ये भी बताया कि चंद्रयान-4 का मून मिशन क्या होगा? सिंह ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-4 मिशन 2027 में लॉन्च किया जाएगा. चंद्रयान-4 अपने मून मिशन में चंद्रमा से ऐसे नमूने वापस लेकर आएगी, जो ना डैमेज हो या फिर दूषित ना हो.
इसरो अब तक तीन सफल मून मिशन किया है. चंद्रयान श्रृंखला में 2008, 2019 और 2023 में चंद्रमा पर तीन अंतरिक्ष मिशन भेजे हैं. पहले दो मिशन में चंद्रमा की सतह, उप-सतह और बहिर्मंडल का ऑर्बिटर प्लेटफ़ॉर्म से वैश्विक स्तर पर अध्ययन किया गया था. चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में पहला सफल चंद्र सॉफ्ट-लैंडिंग और रोबोटिक रिसर्च था. चंद्रयान-3 ने चांद के सतह के निकट प्लाज़्मा का इन-सीटू अध्ययन किया है. इसने पहली बार चांद के दक्षिणी ध्रुव की जमीन के कंपन को भी रिकॉर्ड किया था. चंद्रयान-4 में हेवीलिफ्ट LVM-3 रॉकेट के कम से कम दो अलग-अलग प्रक्षेपण शामिल होंगे जो मिशन के पांच अलग-अलग घटकों को ले जाएंगे जिन्हें कक्षा में इकट्ठा किया जाएगा.
क्या होगा मिशन
सिंह ने पीटीआई के साथ एक इंटरव्यू में बताया, ‘चंद्रयान-4 मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह से नमूने एकत्र करना और उन्हें वापस धरती पर लाना है.’ पिछले साल अक्टूबर में आकाशवाणी में दिए गए भाषण में इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा था कि चंद्रयान-4 को संभवतः 2028 में लॉन्च किया जाएगा. पिछले साल सितंबर में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-4 और शुक्र ऑर्बिटर मिशन (वीओएम) को मंजूरी दी थी. इसका उद्देश्य ग्रह की सतह और वायुमंडल सहित इसके विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करना है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वेबसाइट पर बताया गया है कि वीओएम को मार्च 2028 में लॉन्च किया जाना है.
भविष्य का अंतरिक्ष मिशन
चंद्रयान -4 और गगनयान मिशन से पहले एक मानव रहित मिशन इस साल लॉन्च होगा. यह मिशन एक महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री या व्योममित्र को लेकर जाएगा. केंद्र ने पिछले साल ही व्योममित्र अंतरिक्ष यात्री के बारे में बताया था. इसे अंतरिक्ष मानवीय कार्यों का अनुकरण करने और जीवन रक्षक प्रणाली के साथ बातचीत करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसरो की प्रगति और भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए सिंह ने कहा कि पहला लॉन्च पैड 1993 में स्थापित किया गया था. दूसरा 10 साल के अंतराल के बाद 2004 में स्थापित किया गया था, पिछले दशक में भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में बुनियादी ढांचे और निवेश दोनों के मामले में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है.
सारांश
ISRO ने चंद्रयान-4 की लॉन्चिंग तारीख तय कर दी है। इस मिशन में चंद्रमा की नई खोजों पर फोकस किया जाएगा। उम्मीद है कि यह मिशन भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों में एक और मील का पत्थर साबित होगा।