12 फरवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – जनवरी में महंगाई ने आम लोगों को थोड़ी राहत दी है। खुदरा महंगाई दर (CPI आधारित महंगाई) घटकर 4.31% रह गई, जो पिछले पांच महीनों में सबसे कम है। दिसंबर में यह 5.22% थी। इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह सब्जियों के दाम में भारी कमी है। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य और पेय पदार्थों की महंगाई जनवरी में 5.68% रही, जबकि दिसंबर में यह 7.7% थी। खासतौर पर सब्जियों की कीमतें 25.6% से गिरकर 11.35% पर आ गईं, जिससे लोगों को राहत मिली।

आर्थिक विशेषज्ञों का अनुमान था कि जनवरी में महंगाई 4.5% तक रह सकती है, लेकिन असली आंकड़ा इससे भी कम निकला। वहीं, RBI ने इस तिमाही के लिए महंगाई दर 4.4% रहने का अनुमान लगाया है। दूसरी तरफ, कुछ ज़रूरी चीजों की कीमतें अभी भी बढ़ रही हैं। अनाज की महंगाई 6.24% रही, जो दिसंबर में 6.5% थी। मांस और मछली 5.25% महंगे हुए, जबकि पिछले महीने यह आंकड़ा 5.3% था। अंडे की महंगाई सिर्फ 1.27% रही, जो पिछले महीने 6.9% थी, यानी अंडे सस्ते हो गए!

दूध और दूध उत्पादों की महंगाई 2.85% रही, जो दिसंबर में 2.8% थी। दालों की महंगाई 2.59% रही, जो पिछले महीने 3.8% थी। वहीं, कपड़े और जूते-चप्पल की महंगाई 2.68% रही, जो पिछले महीने 2.7% थी। रिहायशी मकानों की कीमतें भी हल्की बढ़त के साथ 2.76% पर पहुंच गईं।

इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की ग्रोथ 3.2 फीसदी

माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के कमजोर परफॉर्मेंस के चलते दिसंबर 2024 में भारत की औद्योगिक उत्पादन (IIP) की ग्रोथ रेट धीमी होकर 3.2 फीसदी रह गई। सरकार ने नवंबर 2024 के आईआईपी आंकड़े को भी 5.2 फीसदी के प्रोविजनल अनुमान से संशोधित कर 5 फीसदी कर दिया है।

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापा जाने वाला इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन दिसंबर 2023 में 4.4 फीसदी की दर से बढ़ा था। ऑफिशियल बयान के मुताबिक, दिसंबर 2024 में भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 3.2 फीसदी बढ़ा।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आंकड़ों से पता चला है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का प्रोडक्शन दिसंबर 2024 में 3 फीसदी बढ़ा, जो एक साल पहले महीने में 4.6 फीसदी था।

माइनिंग प्रोडक्शन की वृद्धि दर पिछले साल की समान तिमाही के 5.2 फीसदी से घटकर 2.6 फीसदी रह गई। दिसंबर 2024 में पावर प्रोडक्शन में 6.2 फीसदी की ग्रोथ हुई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1.2 फीसदी थी। अप्रैल-दिसंबर की अवधि में आईआईपी में 4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6.2 फीसदी थी।

सारांश: जनवरी में खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई, जिससे आम जनता को थोड़ी राहत मिली। वहीं, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन की ग्रोथ 3.2% रही, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है। विशेषज्ञों के मुताबिक, आने वाले महीनों में भी यह रुझान जारी रह सकता है।

Bharat Baani Bureau

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