बीजिंग 13 फरवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – : अमेरिका अपना सबसे घातक फाइटर जेट एफ-35 भारत में चल रहे एयरो इंडिया एशर शो में प्रदर्शन के लिए लेकर आया है. पांचवीं पीढ़ी का ये फाइटर जेट किसी भी रडार की नजर से बच सकता है. यही कारण है कि दुश्मन इसका नाम सुनकर घबराते हैं. लेकिन अब चीन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी खोज निकाली है 2000 किमी की दूरी से ही उड़ते हुए F-35 को खोज निकालेगा. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी वैज्ञानिकों ने बताया कि एडवांस्ड इन्फ्रारेड डिटेक्शन सिस्टम से लैस एक स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप अमेरिका के एफ-35 जैसे स्टील्थ विमानों को 2000 किमी दूर से ही खोज निकालेगा.

रिपोर्ट के मुताबिक यह निष्कर्ष अमेरिका की पांचवीं पीढ़ी की स्टील्थ टेक्नोलॉजी में एक संभावित कमजोरी की ओर इशारा करते हैं. वहीं चीन की बढ़ती क्षमताओं को दिखाते हैं. चांगचुन इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्टिक्स, फाइन मैकेनिक्स और फिजिक्स (CIOMP) के शोधकर्ताओं ने ताइवान से जुड़े कंप्यूटर सिम्युलेटेड युद्ध परिदृश्यों में F-35 के इन्फ्रारेड सिग्नेचर का अध्ययन किया. इसके निष्कर्षमई में चीनी भाषा की एक पत्रिका एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी में प्रकाशित हुए थे.

कैसे पकड़ में आता है F-35
टीम ने पाया कि जेट की रडार-अवशोषित कोटिंग और बाहरी सतह औसतन 281 केल्विन (7.85 डिग्री सेल्सियस) तक ठंडी हो जाती है, जिससे यह पारंपरिक डिटेक्शन विधियों से छिप जाता है. F35 के इंजन का से निकलने वाला धुआं 1000 केल्विन तक गर्म होकर तीन गुना ज्यादा इंफ्रारेड रेडिएशन छोड़ता है. 2.8-4.3 माइक्रोमीटर वेवलेंथ रेंज पर ध्यान केंद्रित करके, जहां वायुमंडलीय रुकावट कम होती है और 300MM अपर्चर टेलीस्कोप के साथ मरकरी-कैडमियम-टेलुराइड डिटेक्टर्स के इस्तेमाल से 2000 किमी दूर से थर्मल सिग्नेचर को पकड़ा जा सकता है. चीन का यह मानवरहित एयरशिप सतह से 20 किमी की ऊंचाई पर होता है और एफ-35 के पिछले हिस्से या साइड को देखने पर ही पकड़ सकता है. हालांकि सामने से सिर्फ 350 किमी की दूरी से ही पकड़ा जासकता है.

एयरशिप कहां होते हैं तैनात?
रिपोर्ट के मुताबिक अगर चीन के इस एयरशिप का एक नेटवर्क बनाया जाए तो ब्लाइंट स्पॉट को खत्म किया जा सकता है. उदाहरण के लिए छःकोणीय संरचना वाला एक एयरशिप नेटवर्क शुरुआती चेतावनी की क्षमता को काफी बढ़ा सकता है. CIOMP के एसोसिएट रिसर्चर तियान हाओ के नेतृत्व वाली टीम ने लिखा कि ये प्लेटफॉर्म 20 किमी की ऊंचाई या उससे अधिक पर महीनों तक मंडराते रहते हैं. यह ऊंचाई इतनी है कि ये एयरशिप सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और लड़ाकू विमानों की पहुंच से दूर है. AWACS विमानों की ऊंचाई से यह ऊपर और सैटेलाइटों की तुलना में नीचे होगा.

सारांश: चीन ने दावा किया है कि उसने अमेरिकी F-35 स्टील्थ फाइटर जेट को ट्रैक करने की तकनीक विकसित कर ली है। नई तकनीक 2000 KM दूर से ही विमान को पकड़ने में सक्षम होगी, जिससे अमेरिका की बढ़त को चुनौती मिल सकती है।

Bharat Baani Bureau

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