अल्मोड़ा 24 फरवरी 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) -. आजकल की दौड़-भाग भरी जिंदगी में लोगों को कई बीमारियां हो रही हैं और वर्तमान समय में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बीमारी पाइल्स, जिसे बवासीर भी कहा जाता है, अलग-अलग उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है. अब पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों में पाइल्स की बीमारी ज्यादा देखने को मिल रही है, जिस वजह से जिला अस्पताल अल्मोड़ा में पाइल्स से संबंधित मरीज पहुंच रहे हैं. जानते हैं कि इस बीमारी के लक्षण क्या हैं, ये किनको हो सकती है और इससे बचाव के क्या तरीके हैं.
क्या कहना है डॉक्टर का
लोकल 18 से बातचीत करते हुए जिला अस्पताल के सर्जन डॉक्टर धीरज राज ने बताया कि पहाड़ के लोगों में पाइल्स के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. इसका कारण है तीखा भोजन, कम पानी पीना, खाने में फाइबर की मात्रा कम होना, ज्यादा नमक खाना और नॉनवेज का सेवन. 25 से 50 साल की उम्र के लोगों में इसके लक्षण अधिक देखने को मिलते हैं और जिला अस्पताल में करीब 30 से 40 फीसदी मरीज इसी बीमारी से जुड़े आ रहे हैं.
शुरुआती लक्षण पहचान लें
डॉक्टर धीरज आगे बताते हैं कि पाइल्स को बवासीर भी कहा जाता है और इसके कुछ सामान्य लक्षण होते हैं. शौच के समय खून आना, शौच वाली जगह में सूजन होना और शौच करते वक्त अधिक दर्द होना इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं. इसका मुख्य कारण कम पानी पीना, कम फाइबर वाला भोजन, ज्यादा तेल और मसालेदार खाना, नॉनवेज और फास्ट फूड का अधिक सेवन है. उनकी ओपीडी में 25 से 30 प्रतिशत मरीज पाइल्स से संबंधित ही होते हैं.
कैसे कर सकते हैं बचाव
डॉ. धीरज कहते हैं इससे बचने के लिए अधिक पानी पीना चाहिए, हरी सब्जियां, सलाद और फल ज्यादा खाने चाहिए और खानपान व पाचन का विशेष ध्यान रखना चाहिए. पाइल्स के लक्षण आमतौर पर 25 से 50 साल की उम्र के लोगों में अधिक देखने को मिलते हैं. इसके साथ ही हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करनी चाहिए, जो लोग बैठे रहते हैं या बिलकुल नहीं हिलते-डुलते उन्हें कब्ज ज्यादा होता है. यही कब्ज आगे चलकर सख्त स्टूल का रूप लेता है जिससे पाइल्स होता है.
सारांश:
अगर शौच में बहुत समय लगता है और दर्द महसूस होता है, तो यह कब्ज, आंतों की समस्या या अन्य गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। डॉक्टरों के मुताबिक, इसे नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। सही डाइट और जीवनशैली से इन समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।