07 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) –ओटीटी एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जिसके जरिए ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है. शायद यही वजह है कि आमिर खान के बेटे जुनैद खान की डेब्यू फिल्म ‘महाराज’ सिनेमाघरों में रिलीज न होकर ओटीटी पर रिलीज हुई थी. अब सैफ अली खान के बेटे इब्राहिम अली खान की डेब्यू फिल्म ‘नादानियां’ भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गई है. इस फिल्म में इब्राहिम अपने पिता सैफ की जवानी की याद दिला रहे हैं. फिल्म में कई जगह आपको ऐसा भी लगेगा कि उनकी कुछ हरकतें बिल्कुल सैफ जैसी हैं. फिल्म में उनकी एक्टिंग आपको काफी पसंद आने वाली है.
वहीं बोनी कपूर की छोटी बेटी खुशी कपूर भी एक के बाद एक फिल्मों में नजर आ रही हैं और ‘नादानियां’ उनकी तीसरी फिल्म है. इससे पहले वह ‘द आर्चीज’ और ‘लवयापा’ में नजर आई थीं. दिलचस्प बात यह है कि खुशी जुनैद के साथ ‘लवयापा’ में भी नजर आ चुकी हैं. अब बात करते हैं फिल्म की कहानी की. फिल्म की कहानी में कुछ नयापन नहीं है. जब आप फिल्म देखने बैठेंगे तो आपको लगेगा कि ऐसी फिल्में आपने पहले भी देखी हैं. फिल्म की कहानी एक अमीर घराने की लड़की पिया जयसिंह (खुशी कपूर) पर आधारित है. उसकी मां (महिमा चौधरी) और पिता (सुनील शेट्टी) की आपस में बनती नहीं है. उसके पिता एक लड़का चाहते थे. पिया की जिंदगी काफी उलझी हुई है. वह हमेशा इस उलझन में रहती है कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
पिया दिल्ली के एक टॉप स्कूल में पढ़ती है, जहां उसकी दो सबसे अच्छी दोस्त हैं जो इस बात से नाराज हैं कि पिया ने उन दोनों से क्यों छिपाया कि वह किसी को डेट कर रही है. दरअसल, किसी वजह से पिया ने अपनी दोनों बेस्ट फ्रेंड को बता दिया था कि उसका एक ब्वॉयफ्रेंड है. अब अपनी दोनों दोस्तों को मनाने के लिए पिया एक ऐसे लड़के की तलाश में निकल पड़ती है जो कुछ समय के लिए उसका ब्वॉयफ्रेंड बन सके और इसी बीच उसकी मुलाकात अर्जुन (इब्राहिम अली खान) से होती है जो ग्रेटर नोएडा का रहने वाला है और अभी-अभी पिया के स्कूल में दाखिल हुआ है.
अर्जुन के पिता (जुगल हंसराज) एक डॉक्टर हैं और उनकी मां (दीया मिर्जा) उनके स्कूल में टीचर हैं. अर्जुन पिया का रेंटल बॉयफ्रेंड बनने के लिए तैयार हो जाता है, लेकिन बदले में वह पिया से हर हफ्ते 25 हजार रुपए लेता है. इसके बाद क्या होता है, यह जानने के लिए आपको नेटफ्लिक्स पर जाकर पूरी फिल्म देखनी पड़ेगी. एक्टिंग की बात करें तो इब्राहिम अली खान अपनी एक्टिंग से सभी को प्रभावित करने वाले हैं. इसमें कोई शक नहीं कि सैफ की छवि उनमें साफ झलकती है. उन्होंने अपनी पहली फिल्म में अच्छी प्रेजेंस दी है, जो दर्शकों को पसंद आ सकती है. सबसे बड़ी बात यह है कि कहीं से भी ऐसा नहीं लगा कि यह इब्राहिम की पहली फिल्म है.
दूसरी तरफ खुशी की एक्टिंग की बात करें तो उन्हें अभी थोड़ी और मेहनत करने की जरूरत है. सच कहूं तो उनकी एक्टिंग में ही ‘नादानियां’ है. सुनील शेट्टी, महिमा चौधरी, जुगल हंसराज और दीया मिर्जा को स्क्रीन पर देखना ही एक अलग अनुभव देता है. इन सभी ने अपनी-अपनी एक्टिंग के साथ न्याय किया है.
इब्राहिम के साथ-साथ डायरेक्टर शौना गौतम की भी यह डेब्यू फिल्म है. वह आज के बच्चों की समस्याओं और भावनाओं को बखूबी समझती हैं और उसे मजेदार तरीके से दिखाती हैं. सोशल मीडिया पर परफेक्ट दिखने का प्रेशर, रिश्तों की सच्चाई और खुद को खोजने जैसे विषयों को उन्होंने बड़ी ही सादगी और मजे से दिखाया है. अब अगर फिल्म के म्यूजिक की बात करें तो वो कुछ खास असर नहीं दिखाता, बस ठीक-ठाक है. अब अगर आपको आज की पीढ़ी की लव स्टोरी पसंद है तो आप इसे अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं. मेरी तरफ से फिल्म को 3 स्टार.
सारांश:
इब्राहिम अली खान की डेब्यू फिल्म ‘नादानियां’ को लेकर दर्शकों के बीच mixed reactions आ रहे हैं। फिल्म की कहानी, अभिनय और निर्देशन पर चर्चा हो रही है, लेकिन कुछ समीक्षकों ने इसे औसत बताया है। इब्राहिम की एक्टिंग को सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, लेकिन फिल्म की कहानी को लेकर कुछ सुधार की आवश्यकता जताई जा रही है।