17 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता माओ निंग ने कहा, हमने चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी के हालिया सकारात्मक ट‍िप्‍पण‍ियां देखी हैं. हम इसकी तारीफ करते हैं. अक्टूबर में रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई सफल बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों के सुधार का नया रास्‍ता खोला है. दोनों पक्ष हर समझौते पर गंभीरता से अमल कर रहे हैं. हमने सकारात्‍मक पर‍िणाम भी देखे हैं.

2000 साल पुराना रिश्ता
विदेश मंत्रालय की प्रवक्‍ता माओ निंग ने कहा, मैं इस बात पर जोर देना चाहती हूं कि 2000 से अधिक वर्षों भारत-चीन के बीच रिश्ते दोस्‍ती भरे रहे हैं. हमारी सभ्‍यताएं, मानव प्रगत‍ि के ल‍िए हैं. दो सबसे बड़े विकासशील देशों के रूप में, चीन और भारत ने अपने विकास और पुनरोद्धार में तेजी लाने के कार्य को साझा किया है तथा एक-दूसरे की सफलताओं को समझते हैं और उनका समर्थन करते हैं. यह 2.8 अरब से अधिक लोगों के मौलिक हितों को पूरा करता है. क्षेत्रीय देशों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करता है. साथ ही दुन‍िया की जो हमसे डिमांड है, उसे पूरा करता है. दोनों देशों को ऐसे साझेदार बनना चाहिए जो एक-दूसरे की सफलता में योगदान दें और “सहकारी पा डे दो”, अर्थात ड्रैगन और हाथी के बीच बैले डांस जैसे रिश्ते होने चाहिए. यह दोस्‍ती टूटने वाली नहीं है. विदेश मंत्री वांग यी ने भी हाल ही में भारत-चीन रिश्ते को ‘ड्रैगन-हाथी की दोस्‍ती’ का नाम द‍िया था.

क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट
त्सिंगहुआ विश्वविद्यालय के नेशनल स्ट्रैटेजी इंस्टीट्यूट की रिसर्च विंग के डायरेक्‍ट कियान फेंग ने ग्लोबल टाइम्स में लिखा, कज़ान में हुई बैठक के बाद से चीन-भारत संबंधों ने सकारात्मक प्रगति की हैः दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण सहमति को लागू किया है. सभी स्तरों पर आदान-प्रदान और व्यावहारिक सहयोग को मजबूत किया है, जिसके परिणामस्वरूप कई सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं. वर्षों के गतिरोध के बाद, भारत-चीन सीमा मुद्दा स्थिर और प्रबंधनीय स्थिति में लौट आया है. आगे बढ़ते हुए, दोनों पक्ष अगले चरण की वार्ता में प्रवेश कर सकते हैं, हालांकि प्रक्रिया लंबी हो सकती है. स्वस्थ, स्वाभाविक प्रतिस्पर्धा अंतरराष्ट्रीय संबंधों का एक सामान्य हिस्सा है. हर देश सहयोग और प्रतिस्पर्धा दोनों को नेविगेट करता है, और चीन और भारत, पड़ोसी प्रमुख शक्तियों के रूप में, कोई अपवाद नहीं हैं. मुख्य बात यह है कि मतभेद टकराव में न बदलें.

सारांश:
पीएम मोदी की हालिया टिप्पणी ने चीन को खुश कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि “ड्रैगन-हाथी की दोस्ती” अब कभी नहीं टूटेगी, यह दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने की ओर इशारा करता है। मोदी ने चीन के साथ रिश्तों को सुधारने और स्थिरता बनाए रखने के पक्ष में बयान दिया, जिससे दोनों देशों के बीच विश्वास बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

Bharat Baani Bureau

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