25 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो): ‘तुमको देखा तो ये ख्याल आया’… दिल को छू लेने वाला ये गाना हो या इस गाने के अभिनेता, प्रशंसक कभी भी इस मंझे कलाकार को भूल नहीं सकते. खूबसूरत अदायगी, सादी सी मुस्कान, चेहरे पर शीतलता और दर्शकों की पसंद का ख्याल, इन गुणों से भरे थे दिवंगत अभिनेता फारुक शेख. अभिनय जगत के सफल कलाकार से उनके पिता तब खफा हो गए थे, जब उन्हें उनके करियर के बारे में पता चला था. 25 मार्च को अभिनेता की जयंती है. आइए उनकी जिंदगी के पन्नों को पलटते हैं…

फारुक शेख की गिनती हिंदी सिनेमा के उन सितारों में की जाती है, जो बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उनके अभिनय का अंदाज एकदम अलग हटकर था. उन्होंने न ज्यादा एक्शन किया, न ज्यादा भारी या बड़े डायलॉग बोले, मगर प्रशंसक उनकी सादगी के कायल थे. वह सहजता के साथ अपने किरदार को बहा ले जाते थे. हालांकि, फारुख शेख के पिता को जब पता चला कि उनकी अभिनेता बनने की चाहत है तब वह नाराज हो गए और उनसे बात करना बंद कर दिया था.

छोड़ी लॉ की पढ़ाई, पिता को एक्टिंग के लिए मनाया
जानकारी के अनुसार, फारुख ने सेंट जेवियर्स के बाद सिद्धार्थ कॉलेज ऑफ लॉ से अपनी वकालत पूरी की तो उनके पिता को उम्मीद थी कि वह भी उनकी ही राह पर चलेंगे और वकालत को अपना पेशा बनाएंगे, लेकिन कॉलेज के दिनों से ही शेख अभिनय की ओर आकर्षित हो गए और उसी में अपना करियर बनाने के बारे में सोचने लगे. उन्हें जब मशहूर निर्देशक एमएस सथ्यू ने पहली फिल्म में काम का ऑफर दिया, तो शेख तैयार हो गए और बिना पैसे के काम करने को राजी हो गए.

फिल्म ‘गरम हवा’ में काम करने का ऑफर पाकर वह काफी खुश थे और जब उन्होंने अपनी खुशी और फिल्म की कहानी पिता के साथ शेयर की तो उनके पिता का गुस्सा गायब हो गया. पिता को मनाने के लिए फिल्म की कहानी को शेख ने सहजता के साथ समझाया था, जिसे सुनकर उनके पिता ने सहमति दे दी थी.

फारुक शेख ने डेब्यू फिल्म में किया फ्री में काम

ये वो वक्त था जब एमएस सथ्यू के पास फिल्म बनाने के पैसे भी नहीं थे और वह ऐसे कलाकारों को कास्ट करना चाहते थे, जो मुफ्त में काम कर सकें. फिल्म रिलीज हुई तो फारुक के काम को हर किसी ने पसंद किया. शेख अपने किरदार में जान डाल देते थे और उसी में रम जाते थे.

Farooq Sheikh movi

फारुक शेख ने कमर्शियल और आर्ट सिनेमा में काम किया. (फोटो साभारः यूट्यूब वीडियोग्रैब)

70-80 के दशक में दी बेहतरीन फिल्में

70 और 80 के दशक में हिंदी सिनेमा को बेहतरीन फिल्में देने के बाद अभिनेता लगभग 15 साल अभिनय की दुनिया से दूर थे. साल 2009 में उन्होंने फिल्म ‘लाहौर’ के साथ वापसी की और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार अपने नाम किया.

शबाना आजमी के कॉलेज के दिनों दोस्त थे फारुख शेख

अभिनेत्री शबाना आजमी कॉलेज के दिनों से शेख की दोस्त थीं. हालांकि, वह उनकी जूनियर थीं. दोनों ने साथ में कई ड्रामा में काम किया. फारुख शेख का जन्म 25 मार्च को गुजरात के अमरोली में वकील पिता मुस्तफा शेख और फरिदा शेख के घर में हुआ था.

सारांश: फारुक शेख की आज बर्थ एनिवर्सरी है. उन्होंने अपनी सादगी और अदायगी से दर्शकों का दिल जीता. वकालत छोड़ अभिनय में करियर बनाया. फिल्म ‘गरम हवा’ से शुरुआत की और ‘लाहौर’ से वापसी की.

Bharat Baani Bureau

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