25 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) – लोकसभा ने मंगलवार को वित्त विधेयक 2025 को 35 सरकारी संशोधनों के साथ पारित कर दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार, 25 मार्च को संसद में संशोधित वित्त विधेयक 2025 पेश किया, जिसमें बजट के अहम प्रस्तावों को मंजूरी देने का आग्रह किया गया।
वित्त विधेयक 2025 पारित होने के साथ ही बजट मंजूरी की प्रक्रिया में लोकसभा की भूमिका पूरी हो गई है। अब यह विधेयक विचार के लिए राज्यसभा भेजा जाएगा। राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

लोकसभा ने मंगलवार (25 मार्च) को वित्त विधेयक 2025 को 35 सरकारी संशोधनों के साथ पारित कर दिया। इस पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि संशोधनों का उद्देश्य शुल्क ढांचे को तर्कसंगत बनाना और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

घरेलू उत्पादन को और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) बैटरी के लिए 35 और मोबाइल निर्माण के लिए 28 अतिरिक्त कैपिटल गुड्स को कस्टम ड्यूटी से छूट दी है। संशोधनों में एक संशोधन ऐसा भी है, जिसमें ऑनलाइन विज्ञापनों पर लगने वाला 6 प्रतिशत डिजिटल टैक्स समाप्त करने का प्रावधान शामिल है। इसके अलावा, निवेश को लेकर बनाए गए सरल सेफ हार्बर फ्रेमवर्क में भी संशोधन किए गए हैं, जिससे स्पष्टता बढ़ेगी और कारोबार करना आसान होगा।

संसद में क्या बोली वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण

सीतारमण ने दोहराया कि बजट में घोषित कस्टम ड्यूटी के तर्कसंगतकरण की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। सरकार ने शुल्क संरचना में उलटफेर (ड्यूटी इनवर्जन) को दूर करने और इनपुट लागत को कम करने के लिए सात कस्टम्स टैरिफ दरें हटाने का निर्णय लिया है। संशोधित वित्त विधेयक के अनुसार अब आयात पर या तो सेस लगेगा या सरचार्ज, दोनों एक साथ नहीं लगाए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि ये बदलाव भारत की व्यापार और निवेश नीतियों को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाने, उचित कराधान सुनिश्चित करने और घरेलू उद्योग को प्रोत्साहन देने की व्यापक कोशिशों का हिस्सा हैं।

कितना होगा राजकोषीय घाटा?

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए राजकोषीय घाटा 4.4% अनुमानित है, जो चालू वित्त वर्ष के 4.8% से कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी संशोधित अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 के लिए देश की जीडीपी ₹3,56,97,923 करोड़ रहने का अनुमान है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमान ₹3,24,11,406 करोड़ से 10.1% अधिक है।

बजट में 50.65 लाख करोड़ का प्रावधान, CAPEX होगा 11.22 लाख करोड़

केंद्रीय बजट 2025-26 में कुल व्यय ₹50.65 लाख करोड़ रखने का प्रस्ताव है, जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 7.4% अधिक है। अगले वित्त वर्ष के लिए कुल पूंजीगत व्यय ₹11.22 लाख करोड़ और प्रभावी पूंजीगत व्यय ₹15.48 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। बजट में सकल कर राजस्व संग्रह का लक्ष्य ₹42.70 लाख करोड़ और सकल उधारी का लक्ष्य ₹14.01 लाख करोड़ तय किया गया है।

बजट दस्तावेजों के अनुसार, 1 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए ₹5,41,850.21 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो चालू वित्त वर्ष के ₹4,15,356.25 करोड़ की तुलना में कहीं अधिक है। केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं के लिए 2025-26 में ₹16.29 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है, जो 2024-25 के ₹15.13 लाख करोड़ से अधिक है।

क्यों बढ़ा व्यय अनुमान

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए व्यय का अनुमान कई कारणों से बढ़ा है, जिनमें बाजार ऋणों, ट्रेज़री बिलों, बाहरी ऋणों, लघु बचत योजनाओं और भविष्य निधि पर ब्याज भुगतान में वृद्धि, सशस्त्र बलों की पूंजीगत व्यय सहित बढ़ती ज़रूरतें और रोज़गार सृजन योजनाओं के लिए अधिक प्रावधान शामिल हैं।

राज्यों को कुल ₹25,01,284 करोड़ संसाधन ट्रांसफर किए जाएंगे, जिनमें राज्यांश, अनुदान/ऋण और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के अंतर्गत जारी धनराशि शामिल हैं। यह 2023-24 के वास्तविक आंकड़े ₹20,09,616 करोड़ की तुलना में ₹4,91,668 करोड़ अधिक है।

Bharat Baani Bureau

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