26 मार्च 2025 (भारत बानी ब्यूरो): हिंदी सिनेमा में शुरुआत के “राजा हरिश्चंद्र” (1913) के साथ से मानी जाती है. जिसे दादा साहब फाल्के ने बनाया. इसके बाद कई फिल्में आईं. पहले साइलेंट फिल्में आईं फिर बोलती और फिर धीरे धीरे रंगीन फिल्मों की ओर बढ़े. फिल्मों का इतिहास भी बड़ा दिलचस्प रहा है. शुरुआत में तो फिल्मों में काम करने के लिए हीरोइनें तक नहीं होती थीं. लड़के ही एक्ट्रेस का भेस धारण करते थे. ऐसे ही विकास होते चला गया और फिर 20 साल बाद हिंदी सिनेमा का सबसे किसिंग सीन शूट हुआ. जी हां, 1933 में पहली बार एक हीरो-हीरोइन ने किसिंग सीन शूट किया. जो कि इतिहास का सबसे लंबा किसिंग सीन भी था. तो चलिए इस बारे में बताते हैं.
ये है साल 1933 में आई ‘कर्मा’ फिल्म. जो कि दो भाषाओं में बनी फिल्म थी जिसमें लीड हीरोइन थीं देविका रानी और हिमांशु राय. ये वही थे जिन्होंने बॉम्बे टॉकीज स्टूडियो की स्थापना की और खूब इतिहास रचा.
इतिहास का सबसे लंबा किसिंग सीन
‘कर्मा’ में पहली बार किसिंग सीन फिल्माया गया. देविका रानी और हिमांशु राय पर ही. IMDb के मुताबिक, करीब 4 मिनट (240 सेकंड) का ये किसिंग सीन था. जिसे सबसे लंबा किसिंग सीन बताया गया.
कर्मा की कहानी
‘कर्मा’ की कहानी की बात करें तो ये एक राजकुमारी की कहानी थी जो प्रिंस के प्यार में पड़ जाती है. हालांकि पिता इस प्यार के खिलाफ थे. इसे जेएल फ्रीर हंट ने डायरेक्ट किया था. ‘कर्मा’ के लिए इंडिया, जर्मन और यूके ने साथ में ही काम किया था.
रवींद्रनाथ से भी कनेक्शन
‘कर्मा’ की एक खास बाय ते भी थी कि इसे 1933 में लंदन में भी प्रीमियर किया गया था. विदेशी क्रिटिक्स ने देविका रानी के काम की खूब तारीफ की थी. देविका 1930-1940 की सुपरहिट एक्ट्रेस थीं जिन्होंने कर्मा से ही डेब्यू किया था. वह तब सबसे ज्यादा फीस ली जाने वाली हीरोइन भी बन गई थीं. उनका कनेक्शन रवींद्रनाथ टैगोर से भी है. दरअसल देविका की दादी, ठाकुर रवीन्द्रनाथ टैगोर की बहन थीं.
देविका रानी की शादी
देविका रानी और हिमांशु ने इस फिल्म से पहले ही शादी कर ली थी. हिमांशु और देविका दोनों ही पहले से शादीशुदा थे लेकिन फिर वह देविका के प्यार में पड़ गए. दोनों ने साल 1929 में शादी कर ली. फिर साथ में बॉम्बे टॉकीज में खूब काम किया. कई फिल्में बनाईं और हिंदी सिनेमा में योगदान दिया.
शराब और सिगरेट का था शौक
देविका मजबूत महिला थीं. पति के गुजरने के बाद उन्होंने ही बॉम्बे टॉकीज की बागडोर संभाली थी. जिस जमाने में लड़कियों का इंडस्ट्री में आना ही अच्छा नहीं माना जाता था. उस जमाने में उन्होंने ये कदम उठाया. न सिर्फ किसिंग सीन बल्कि वह शराब और सिगरेट की भी शौकीन थीं. उन्हें तो लोग ड्रैगन लेडी कहते थे. क्योंकि वह थोड़े गरम मिजाज की महिला थीं.
सारांश: हिंदी सिनेमा की शुरुआत “राजा हरिश्चंद्र” (1913) से हुई, जिसे दादा साहब फाल्के ने बनाया. 1933 में “कर्मा” फिल्म में देविका रानी और हिमांशु राय ने सबसे लंबा किसिंग सीन शूट किया.