01 अप्रैल 2025 ( (भारत बानी ब्यूरो): चाय और नाश्ते के साथ लोग बिस्किट खाना काफी पसंद करते हैं, लेकिन सामान्य बिस्किट, जो आमतौर पर बेक किए जाते हैं, उनमें मैदे की मात्रा अधिक होती है, जिससे कई बार सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इसी समस्या को देखते हुए भारत सरकार ने कुछ समय पहले मिलेट्स (सिर्फ़ अनाज) को “मिलिट ईयर” घोषित किया था. इसके अलावा, बरेली के आई.वी.आर.आई. कैंपस में सी.ए.आर.आई. के वैज्ञानिक डॉ. जयदीप ने इससे पहले ही मिलेट्स आधारित बिस्किट तैयार किए थे, जिसमें उन्होंने अंडे और ज्वार के दानों का उपयोग किया था, ताकि बिस्किट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाई जा सके.
मल्टी-ग्रेन बिस्किट का उद्देश्य
डॉ. जयदीप ने लो शुगर बिस्किट, प्रोटीन बिस्किट और मल्टी-ग्रेन बिस्किट जैसी कई प्रकार की सेहतमंद वैरायटी तैयार की हैं, जो पेटेंटेड भी हैं. यह बिस्किट 40 में 100 रुपये ग्राम के पैक में उपलब्ध हैं. उनके अनुसार, इस तकनीक का उपयोग करके आसपास के लोग और अन्य किसान यूपी सहित अन्य देशों में इन बिस्किट को बेचकर अपना व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं.
बच्चों के नाश्ते के लिए सेहतमंद विकल्प
डॉ. जयदीप ने लोकल 18 से खास बातचीत में बताया कि बच्चों को नाश्ते में मैदे से बने बिस्किट खाने से रोकने की जरूरत होती है, क्योंकि इनमें अधिक मात्रा में शुगर और फैट होते हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं. इसी कारण से उन्होंने मल्टी-ग्रेन बिस्किट विकसित किए, जिसमें ज्वार और अंडे का इस्तेमाल किया गया है, ताकि बिस्किट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ सके और यह सेहतमंद हो.
सेहत के फायदे और स्वाद का बेहतरीन संयोजन
मल्टी-ग्रेन बिस्किट बनाने का उद्देश्य यह था कि चाय और नाश्ते के समय सेहतमंद ऑप्शन प्रदान किया जा सके, क्योंकि आमतौर पर बिस्किट में मैदा अधिक होता है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसके चलते, डॉ. जयदीप ने ज्वार और अंडे का इस्तेमाल कर बिस्किट को प्रोटीन से भरपूर और सेहतमंद बनाने की कोशिश की.
इन बिस्किट्स का व्यापारिक उपयोग करते हुए, अन्य लोग और किसान इन बिस्किटों को बेचकर लाभ कमा सकते हैं.
सारांश: डॉ. जयदीप ने बरेली में ज्वार और अंडे से प्रोटीन युक्त मल्टी-ग्रेन बिस्किट बनाए, जो सेहतमंद और पेटेंटेड हैं. ये बिस्किट 40 में 100 रुपये ग्राम के पैक में उपलब्ध हैं.