02 अप्रैल 2025 (भारत बानी ब्यूरो): तारीख थी 1 जुलाई 2024. लोकसभा चुनाव 2024 के बाद संसद का पहला सत्र था. लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी. राहुल गांधी पहली बार एलओपी यानी विपक्ष के नेता के तौर पर बोले थे. एलओपी के रूप में अपने पहले संसद भाषण में उन्होंने पीएम मोदी को खूब सुनाया था. राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर खूब हमला बोला था और भगवान शिव की तस्वीर दिखाई थी. उनके भाषण का मुख्य संदर्भ था हिंदुत्व और हिंसा. आज भी संसद में राहुल गांधी के लिए बड़ा दिन है. आज मोदी सरकार वक्फ बिल पेश करने जा रही है. राहुल गांधी ने बिल के विरोध करने का ऐलान तो कर दिया है, मगर वह इस चर्चा में बतौर वक्ता शामिल होने से बच रहे हैं.
सूत्रों का कहना है कि संसद में जब वक्फ बिल पेश होगा तब राहुल गांधी सदन में मौजूद तो रहेंगे, मगर इस चर्चा में बतौर वक्ता शामिल नहीं होंगे. लोकसभा में राहुल गांधी वक्फ बिल के विरोध में अपनी बात खुद नहीं रखेंगे. राहुल गांधी चाहते हैं कि वक्फ बिल पर चर्चा में कांग्रेस की ओर से उस नेता को शामिल होना चाहिए, जिसके पास इसकी ज्यादा जानकारी है. राहुल गांधी का कहना है कि उनके पास इस मुद्दे पर अधिक जानकारी नहीं है. कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में राहुल गांधी ने सुझाव दिया है कि वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस से बतौर वक्त जेपीसी के सदस्य हों तो बेहतर होगा क्योंकि उन्होंने मामले में कई बैठकें अटेंड की हैं और उनको मामले की इन डेप्थ जानकारी है.
वक्फ बिल पर नहीं बोलेंगे राहुल!
दरअसल, वक्फ बिल पर संसद में संग्राम से पहले कांग्रेस ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है. कांग्रेस इस बिल के विरोध में है. उसने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद भवन एनेक्सी में कांग्रेस संसदीय दल के सभी लोकसभा सांसदों की एक बैठक हुई. इस दौरान वक्फ बिल पर कांग्रेस पार्टी के पक्ष को मजबूती से रखने को लेकर चर्चा हुई. इस बैठक को राहुल गांधी ने संबोधित किया. इसी बैठक में यह तय हुआ कि राहुल गांधी वक्फ बिल को लेकर चर्चा में बतौर वक्ता भाग नहीं लेंगे. लोकसभा में राहुल गांधी की जगह वक्फ बिल पर बतौर वक्ता सांसद गौरव गोगोई बोलेंगे.
राहुल गांधी ने बैठक में क्या कहा
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक में राहुल गांधी ने यह भी कहा कि जैसे यह सरकार सारे संस्थानों पर कब्जा कर रही है, वैसे ही संविधान के विरुद्ध ये वक्फ संशोधन बिल ला रही है. हम सदन में चर्चा के दौरान अपना पक्ष रखेंगे, विरोध करेंगे और खिलाफ वोट करेंगे. इस पर पूरा विपक्ष एकजुट है. बहरहाल, इस बैठक के बाद राहुल गांधी अपने घर चले गए. अभी वह संसद में मौजूद नहीं हैं. सूत्रों का कहना है कि वह कुछ देर में लोकसभा में फिर आएंगे और वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान लोकसभा में मौजूद रहेंगे.
राहुल गांधी क्यों नहीं बोलना चाहते?
अब सवाल है कि आखिर राहुल गांधी वक्फ बिल पर चर्चा में क्यों नहीं बोलना चाहते हैं. सूत्रों का कहना है कि सरकार ने वक्फ बिल लाने के लिए बहुत तैयारी की है. उसने पाकिस्तान, सऊदी अरब, मिस्र और कुवैत जैसे मुस्लिम देशों में मौजूद वक्फ कानूनों का अध्ययन किया है. इसके बाद पूरी तैयारी के साथ इस बिल को तैयार किया गया है. राहुल गांधी जिस इन-डेप्थ जानकारी का हवाला दे रहे हैं, वह यही है. वह नहीं चाहते कि वक्फ बिल पर उनकी जुबान से कुछ ऐसा निकले, जिससे विपक्ष को घेरने का सरकार के पास मौका मिल जाए. शिव वाले बयान पर भी सरकार ने राहुल गांधी को घेरा था. इसलिए राहुल गांधी सेफ साइड चल रहे हैं.
राहुल का यह स्टैंड क्यों चौंकाने वाला?
राहुल गांधी का यह स्टैंड इसलिए भी चौंकाने वाला है, क्योंकि हाल ही में उन्होंने आरोप लगाया था कि संसद में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता. उनकी आवाज दबाई जाती है. बकायदा इसके लिए स्पीकर को खत भी लिखा गया. ऐसे में जब आज बोलने का वक्त था, संसद में विपक्ष की आवाज उठाने का वक्त है, तब राहुल गांधी की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है. अब देखने वाली बात है कि राहुल गांधी वक्फ संशोधन विधेयक पर लोकसभा में कुछ बोलते हैं या नहीं.
सारांश: राहुल गांधी ने लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में पीएम मोदी और बीजेपी पर हमला बोला. अब खबर है कि वक्फ बिल पर चर्चा में बतौर वक्ता शामिल नहीं होंगे. कांग्रेस से जेपीसी सदस्य बोलेंगे.