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08 अप्रैल 2025 (भारत बानी ब्यूरो): पंजाब में परिवार नियोजन में महिलाओं के मुकाबले पुरुष काफी पीछे हैं और नसबंदी से भाग रहे हैं। केंद्रीय सांख्यिक व कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। पुरुष नसबंदी के लिए महिलाओं को आगे कर रहे हैं। तीन साल में 22.8 फीसदी महिलाओं ने जहां नसबंदी कराई है, वहीं पुरुषों का प्रतिशत सिर्फ 0.5 है।

मंत्रालय ने भारत में महिलाएं और पुरुष 2024 को लेकर रिपोर्ट जारी की हैं, जिसमें राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण को भी शामिल किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार महिलाओं में भी पहले के मुकाबले नसबंदी का प्रतिशत कम हुआ है। वर्ष 2015-16 में जहां 37.5 प्रतिशत महिलाएं नसबंदी करवा रही थी, वहीं वर्ष 2019-21 में यह कम होकर 22.8 प्रतिशत हो गया। इसी तरह वर्ष 2015-16 में 0.6 प्रतिशत पुरुष ने नसबंदी करवाई, जबकि वर्ष 2019-21 में पुरुषों का प्रतिशत और कम हो गया। इस दौरान सिर्फ 0.5 प्रतिशत पुरुषों ने नसबंदी कराई। इसी तरह परिवार नियोजन के लिए महिलाएं अन्य आधुनिक तरीके भी अपना रही है। इसमें आईयूडी पीपीआईयूडी, गर्भ निरोधक दवाएं और अन्य आधुनिक तरीके शामिल हैं।

गर्भ निरोधक दवाएं लेने वालों का प्रतिशत बढ़ा

रिपोर्ट के अनुसार गर्भ निरोधक दवाएं लेने वाली महिलाओं का प्रतिशत बढ़ा है। पहले जहां 0.4 प्रतिशत महिलाएं गर्भ निरोधक दवाएं ले रही थी, वहीं अब इनका प्रतिशत बढ़कर अब 0.5 हो गया है। कुल 66.6 प्रतिशत महिलाएं परिवार नियोजन के लिए कोई भी तरीका अपना रही है, जबकि 50.5 महिलाएं कोई भी आधुनिक तरीका अपना रही है।

इस कारण नसबंदी के लिए आगे नहीं आते पुरुष

विशेषज्ञों की माने तो पुरुषों के मन में यौन क्षमता की कमी और नसबंदी फेल होने का डर प्रमुख कारण है, जिस कारण वह नसबंदी के लिए आगे नहीं आते हैं। यही कारण है कि वे आसान और सुरक्षित नसबंदी नहीं करवा रहे हैं। इसी तरह पुरुषों में भी यह डर है कि यह दर्दनाक हो सकती है। वे नसबंदी प्रक्रिया को जटिल मानते हैं।

पुरुषों की नसबंदी महिलाओं की तुलना में अधिक आसान

विशेषज्ञों की माने तो पुरुषों की नसबंदी महिलाओं की तुलना में अधिक आसान और सुरक्षित है। पुरुष नसबंदी से न ही शारीरिक कमजोरी आती है और न ही संक्रमण का डर होता है। इसके लिए बहुत सामान्य आपरेशन है, जबकि महिलाओं में नसबंदी के बाद पीरियड्स में बदलाव हो सकता है। ऑपरेशन के बाद हल्का रक्तस्राव हो सकता है। इसी तरह हल्का दर्द, सूजन, या संक्रमण का जोखिम भी रहता है।

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में नसबंदी का ऑपरेशन अधिक सुरक्षित है, लेकिन जागरुकता की कमी के कारण पुरुष नसबंदी के लिए आगे नहीं आते हैं। महिलाओं में स्थायी ब्लॉकेज हो सकती है और दोबारा ऑपरेशन की प्रक्रिया भी जटिल है, जबकि पुरुषों में ऐसा नहीं है। -निर्मल भसीन, प्रजनन विशेषज्ञ।

सारांश: देश में बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके तहत महिला और पुरुष दोनों के लिए ही नसबंदी का प्रावधान किया गया है।

Bharat Baani Bureau

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