09 अप्रैल 2025 (भारत बानी ब्यूरो): आजकल पित्त की थैली की में पथरी होने के बाद अधिकतर लोग इसे निकलवा देते हैं. आयास आयुर्वेदिक चिकित्सालय से बी.ए.एम.एस., एम.डी. डॉक्टर हर्ष ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि आज के समय में पित्त की थैली की पथरी के कारण काफी लोग परेशान हैं, जबकि लगभग 15 साल पहले पित्त की थैली में पथरी के मरीज ना के बराबर देखने को मिलते थे.
क्या कभी सोचा है ऐसा क्या हो गया कि अचानक से 10 से 15 साल में इसके मरीज इतनी तेजी से बढ़ने लगे? डॉक्टर हर्ष बताते हैं कि पित्त की थैली के मरीजों के बढ़ने का मुख्य कारण है, लोगों ने घी खाना बंद कर दिया है. जबकि पहले लोग शुद्ध देसी घी का सेवन किया करते थे और उनको ये प्रॉब्लम नहीं हुआ करती थी.
क्या है पित्त की थैली?
डॉ. हर्ष बताते हैं कि पित्त की थैली एक ऐसा थैला है, जिसमें शरीर बहुत कुछ इकट्ठा करता है और आवश्यकता पड़ने पर उसको निकाल कर इस्तेमाल कर लेता है. पित्त की थैली एक ऐसा बैग है जिसमें हमारा पित्त इकट्ठा होता है. लिवर पित्त बनाता है और वह पित्त इकट्ठा होकर पित्त की थैली में आ जाता है और जब भी हम चिकनाई खाते हैं, जैसे घी पराठे, समोसे, पकौड़े, पूड़ी, भटूरे तो ब्रेन से एक पित्त की थैली को मैसेज जाता है. पित्त की थैली सिकुड़ती है और इससे पित्त निकलता है और छोटी आंत में आता है और जो भी हमने ऑयली खाना खाया है, उसको पचा देता है.
पित्त की थैली में कैसे बनती है पथरी
वे आगे बताते हैं कि जब हम घी खाना बंद कर देते हैं, तो पित्त की थैली में इकट्ठा हुआ पित्त पड़ा रहता है और इस्तेमाल नहीं होता, जबकि लिवर लगातार पित्त बना रहा है और वह पित्त लगातार पित्त की थैली में आकर इकट्ठा हो रहा है लेकिन निकल नहीं रहा. इसी प्रकार से अगर किसी थैली में हम कोई सामान भरते रहें, तो नीचे का सामान कठोर हो जाता है, सिकुड़ जाता है, टाइट हो जाता है. इस प्रकार से जब पित्त की थैली में पित्त इकट्ठा होता रहता है, तो नीचे काफी गाढ़ा होकर सख्त हो जाता है जो पत्थर की तरह दिखाई देने लगता है और उसको लोग पथरी बोलते हैं.
पित्त की थैली से जमा हुए पित्त को कैसे निकालें?
पित्त की थैली में पित्त इकट्ठा ना हो और पथरी ना बने, इसके लिए लगातार घी खाते रहें और पित्त इकट्ठा न होने दें. साथ ही, जिसकी पित्त की थैली में पित्त इकट्ठा होकर पथरी बन गया है, उसको निकालने के लिए पित्त की थैली के चारों ओर हीट दी जाती है.
आयुर्वेद की कुछ जड़ी-बूटियों से बनी मेडिसिन का इस्तेमाल किया जाता है, जो पित्त की थैली के चारों ओर हीट पैदा करती हैं और उस जमे हुए पित्त को पिघलाने का काम करती हैं. इससे पित्त की थैली निकालने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि पित्त की थैली निकल जाने के बाद खाए जाने वाला कोई भी खाना हजम नहीं होता और व्यक्ति ज़िंदगी भर परेशान रहता है.
सारांश: पिछले कुछ सालों से पित्त की थैली में पथरी के मामले काफी बढ़ गए हैं. इसके पीछे का कारण क्या है और इस समस्या को खानपान से ही कैसे ठीक किया जा सकता है, जानते हैं.