वॉशिंगटन 01 मई 2025 (भारत बानी ब्यूरो ) -: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आखिरकार यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को झुकाने में कामयाब हो गए. यूक्रेन अमेरिका को अपने दुर्लभ खनिज देने को तैयार हो गया है. अमेरिका और यूक्रेन के बीच एक बड़ा ‘आर्थिक साझेदारी समझौता’ हुआ है. इस डील के बाद अब अमेरिका को यूक्रेन के दुर्लभ खनिजों तक पहुंच मिल जाएगी. अमेरिका इस डील के तहत यूक्रेन में एक निवेश फंड बनाएगा. दोनों देशों के बीच यह समझौता हफ्तों की तीखी बातचीत के बाद हुआ, जिसमें कई बार मामला बिगड़ते-बिगड़ते बचा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा सत्ता में आने के बाद से दोनों देश इस समझौते पर जोर-शोर से काम कर रहे थे. बुधवार को अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने ऐलान किया कि यूक्रेन की अर्थव्यवस्था मंत्री यूलिया स्विरिडेंको ने वॉशिंगटन में इस डील पर हस्ताक्षर किए. उन्होंने बुधवार को एक्स पर पोस्ट किया, ‘समझौते की शर्तों में ‘पूर्ण स्वामित्व और नियंत्रण’ यूक्रेन के पास रहना शामिल है.’ अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने एक बयान में कहा, ‘जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा, अमेरिका इस क्रूर और निरर्थक युद्ध को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है. यह समझौता रूस को स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि ट्रंप प्रशासन लंबे समय तक एक स्वतंत्र, संप्रभु और समृद्ध यूक्रेन पर केंद्रित प्रक्रिया के लिए प्रतिबद्ध है.’
यूक्रेन की जमीन में है खजाना!
यूक्रेन के पास 22 ऐसे दुर्लभ खनिजों के भंडार हैं, जो अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की 50 महत्वपूर्ण सामग्रियों में शामिल हैं. ये खनिज इलेक्ट्रॉनिक्स, क्लीन एनर्जी टेक्नोलॉजी और हथियार प्रणालियों के लिए जरूरी हैं. चीन ने इन दुर्लभ खनिजों के वैश्विक उत्पादन पर कब्जा जमा रखा है, जिसके चलते पश्चिमी देश यूक्रेन जैसे वैकल्पिक स्रोतों की तलाश में हैं. 2021 में यूक्रेन ने यूरोपीय संघ के साथ भी ऐसी ही डील की थी, और अब अमेरिका ने इस दौड़ में कदम रखा है.
‘यह समझौता रूस को साफ बताता है कि ट्रंप प्रशासन यूक्रेन की आजादी और समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है.’ – अमेरिकी वित्त सचिव स्कॉट बेसेंट.
बातचीत में आती रहीं रुकावटें
इस डील को अंतिम रूप देने में कई रुकावटें आईं. फरवरी में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की अमेरिका यात्रा के दौरान यह डील साइन होनी थी, लेकिन वाइट हाउस में ट्रंप के साथ तीखी बहस के बाद उनकी यात्रा बीच में ही रद्द हो गई. यूक्रेन चाहता था कि अमेरिका इस डील में सुरक्षा गारंटी दे, लेकिन ट्रंप ने पहले समझौता साइन करने की शर्त रखी. यूक्रेन का मानना है कि अमेरिकी निवेश और कंपनियों की मौजूदगी से उसकी सुरक्षा में अमेरिका की दिलचस्पी बढ़ेगी.
सारांश:
डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को आखिरकार झुका लिया, और जेलेंस्की ने डील के तहत धरती में दबा खजाना देने को तैयार हो गए। यह समझौता दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ।